पूरे प्रदेश के राजनीतिज्ञ तो ठीक सरकारी अमले की निगाह भी झाबुआ के उप चुनाव परिणाम पर टिकी हुई है। बाजी किसके हाथ आती है, राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता है ये तो २४ अक्टूबर को ही पता लगेगा। इसके पहले वोटिंग को देखते हुए राजनीतिक के जानकारों ने आंकलन लगाना शुरू कर दिया है। जोड़-घटाव का सबसे बड़ा आधार गुजरात व मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में काम करने वाले मजदूर मतदाता हैं जो वोट देने नहीं पहुंचे।
सोयाबीन की कटाई चल रही है तो दूसरी तरफ दीपावली पर छुट्टी लेकर वे जाते हैं। इस वजह से पहले जाने से इनकार कर दिया। ये सारा वोट बैंक कांग्रेस का माना जाता रहा है। इधर, जोड़-घटाव के हिसाब से कल्याणपुरा बेल्ट में हुई ८० प्रतिशत वोटिंग से भाजपाइयों की बांछें खिली हुई हैं। उनका मानना है कि ये बेल्ट हमेशा से उनके पक्ष का रहा है। इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के गढ़ राणापुर बेल्ट में ६० प्रतिशत ही वोटिंग हुई है।
इसमें भाजपाइयों का मानना है कि कांतिलाल के किले में सेंघ लगाने में वह सफल रहे है, क्योंकि क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी भानू भुरिया का ससुराल व रिश्तेदारों के घर हैं। प्रचार के दौरान दामाद के रूप में स्वागत भी अच्छा हुआ था। हालांकि पार्टी को बागी कल्याण डामोर से चिंता है, क्योंकि वे मेघनगर इलाके में वोट काट सकते हैं।
सिंह ने लगाया शर्मा को फोन
कल दोपहर में मतदान के समय भाजपा नेता चुन्नू शर्मा के साथी पंकज बिल्लर व अन्य खुलकर कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आ गए थे। इस पर स्थानीय भाजपाइयों ने सीधे प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को फोन लगाकर जानकारी दी। सिंह ने तुरंत फोन शर्मा को लगाया। इस पर शर्मा ने साफ कर दिया कि मेरे साथ वाले कर रहे हैं साहब मैं क्या करूं। इस पर सिंह कुछ नहीं बोले और फोन काट दिया।
कल दोपहर में मतदान के समय भाजपा नेता चुन्नू शर्मा के साथी पंकज बिल्लर व अन्य खुलकर कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आ गए थे। इस पर स्थानीय भाजपाइयों ने सीधे प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को फोन लगाकर जानकारी दी। सिंह ने तुरंत फोन शर्मा को लगाया। इस पर शर्मा ने साफ कर दिया कि मेरे साथ वाले कर रहे हैं साहब मैं क्या करूं। इस पर सिंह कुछ नहीं बोले और फोन काट दिया।