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कांग्रेस के धरने में पहुंचे गिनती के नेता, शहर कार्यकारी अध्यक्ष बोले पद लेकर बैठ जाते हैं घर

locationइंदौरPublished: Jul 21, 2019 10:55:54 am

Submitted by:

Uttam Rathore

अब कार्रवाई के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेंगे सूची, ताकी हो जाए पद मुक्त

Congress

कांग्रेस के धरने में पहुंचे गिनती के नेता, शहर कार्यकारी अध्यक्ष बोले पद लेकर बैठ जाते हैं घर

इंदौर. शहर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कल उस समय भड़क गए, जब कलेक्टोरेट पर केंद्र सरकार के खिलाफ दिए जा रहे धरने में कोई खास भीड़ नहीं जुटी। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि नेता पद लेकर घर बैठ जाते हैं और धरना-प्रदर्शन से दूर रहते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। जो पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता पार्टी के आयोजन में नहीं आएगा, उन पर कार्रवाई होगी। इसके लिए जल्द ही एक सूची प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपी जाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019-2020 के आम बजट में मध्यप्रदेश को 2677 करोड़ रुपए की राशि कम और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को उप्र के सोनभद्र न जाने देने के विरोध में कांग्रेस ने कलेक्टोरेट पर धरना दिया। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता होने के बावजूद केंद्र सरकार के खिलाफ दिए गए धरने में कोई खास भीड़ नहीं जुटी। मंच पर जहां पार्टी के 20 से 25 प्रमुख नेता बैठे थे। इतनी ही संख्या मंच के सामने लगी कुर्सियों पर थी। भीड़ के नाम पर तकरीबन 400 कांग्रेसी ही मौजूद थे, जो कि गर्मी से बचने के लिए इधर-उधर खड़े थे।
धरने में न तो शहर से ज्यादा भीड़ जुटी और न ही ग्रामीण क्षेत्र से। इतना ही नहीं, पूरे पदाधिकारी भी सही ढंग से नहीं जुट पाए, जबकि शहर कांग्रेस कमेटी में 900 से ज्यादा पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी, ब्लॉक कमेटी, मंडलम्, सेक्टर, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, सेवादल और अन्य मोर्चा संगठनों में भी बड़ी संख्या में पदाधिकारी हैं। शहर और जिला कांग्रेस के मुख्य पदाधिकरियों के साथ पार्षद और मोर्चा संगठन के अध्यक्ष अकेले आए।
धरने के दौरान जब कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को बोलने का मौका मिला, तो वे कम भीड़ देखकर भड़क गए। उन्होंने कहा कि पार्टी में पद पाने के लिए नेता चक्कर लगाते हैं। पद मिलने के बाद घर बैठ जाते हैं। धरना-प्रदर्शन और पार्टी के अन्य कार्यक्रमों से दूरी बना लेते हैं। ऐसे पदाधिकारियों को हटाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखने के साथ जल्द ही सूची सौंपी जाएगी, ताकि पदमुक्त किया जा सके।
‘हमें साथ लेकर चलो तो साथ भी दें’
इधर, धरने में कम भीड़ जुटने पर बाकलीवाल को भड़कते देख मौके पर मौजूद कांग्रेसियों का कहना था कि कार्यकारी अध्यक्ष सबको साथ लेकर चलें, तो कोई उनका साथ दे। प्रदेश में भले ही कांग्रेस की सरकार आ गई है, लेकिन कार्यकर्ताओं की सुनवाई हो कहां रही है। नेता अपने मतलब का उल्लू सीधा कर रहे हैं। इसका ही नतीजा है पार्टी के धरना-प्रदर्शन में भीड़ कम आना। नाराज कार्यकर्ताओं को जब तक साधा नहीं जाएगा, तब तक ऐसे ही हाल होंगे। धरने पर बैठने वालों में जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव, कार्यकारी अध्यक्ष सोहराब पटेल, कांग्रेस नेता अश्विन जोशी, अर्चना जायसवाल, पंकज संघवी, प्रेम खड़ायता, राजेश चौकसे, अनिल यादव, रघु परमार, छोटे यादव, अफसर पटेल, मोहन सेंगर, चिंटू चौकसे, दीपू यादव, देवेंद्र सिंह यादव, सादीक खान, अनवर दस्तक, रफीक खान, गजेंद्र वर्मा, भूपेंद्र चौहान, अमन बजाज, अंकित खड़ायता, सन्नी राजपाल आदि थे।
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