इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने पर्यवेक्षक गोदार के साथ-साथ शहर अध्यक्ष टंडन को निशाना बनाते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई। कांग्रेसियों ने यहां तक कह दिया कि कई नेता पिछले १५ साल से एक ही पद पर बैठे हैं जो कि जमीनी स्तर पर कोई
काम नहीं करते हैं। नतीजतन कांग्रेस पार्टी कमजोर होती जा रही है। जब तक इन मठाधीशों को नहीं हटाया जाएगा तब तक कांग्रेस मजबूत नहीं होगी। ये मठाधीश इंदौर में तो चुनाव जितवा नहीं पा रहे हैं और मुंगावली-कोलासर उपचुनाव के लिए गए हैं। अध्यक्ष टंडन सहित अन्य नेताओं की फौज अपने राजनीतिक आका को खुश करने में लगी है, जबकि इंदौर में इनके अध्यक्ष रहते कांग्रेस लगातार हार का मुंह देख रही है। बैठक के दौरान कांग्रेसियों का गुस्सा देखकर पर्यवेक्षक भी अचंभित रह गए। उन्होंने जैसे-तैसे कांग्रेसियों को समझाया और फिर उनकी बात पार्टी हाईकमान तक पहुंचाने की बात कही। बैठक में अश्विन जोशी, नरेंद्र सलूजा, देवेंद्र सिंह यादव, भंवर शर्मा, दीपू यादव, पिंटू जोशी, अमन बाजाज, सन्नी राजपाल, विजय यादव, सच सलूजा और विवेक खंडेलवाल सहित अन्य नेता मौजूद थे।
सपने में आए पंजा, अब रिश्तेदारों को मौका नहीं
बैठक के दौरान पर्यवेक्षक गोदार ने कहा जिन नेताओं को रात को सोते समय सपने में पंजा दिखता है, वे ही कांग्रेस संगठन को मजबूत कर सकते हैं। मौका परस्त लोग कांग्रेस में न आएं। महिला नेत्रियों के लिए उन्होंने बोला कि जो मैदानी स्तर पर काम करेंगीं, उन्हें ही अच्छे पदों और चुनावी मैदान में उतरने का मौका दिया जाएगा। किसी नेता की पत्नी या अन्य रिश्तेदार को अब मौका नहीं दिया जाएगा। अब पर्यवेक्षक गोदार की इन बातों कितना दम है यह तो चुनावी टिकट वितरण के दौरान ही पता चलेगा।
15 में से आया सिर्फ एक पार्षद व दो पति कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए रखी गई बैठक में हारे-जीते प्रत्याशी, पार्षद, शहर कांग्रेस पदाधिकारी और मोर्चा संगठन के पदाधिकारी सहित वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया। बैठक में कांग्रेस के १५ पार्षदों में से सिर्फ एक
भूपेंद्र सिंह चौहान और दो पार्षद पति चिंटू चौकसे व दीपू यादव ही पहुंचे, शेष पार्षद गायब रहे। इनके साथ ही कई वरिष्ठ नेता, मोर्चा संगठन और शहर कांग्रेस के पदाधिकारी नहीं आए। पर्यवेक्षक गोदार को खंडेलवाल ने शहर में १९ की जगह २२ ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव दिया, जिस पर उन्होंने विचार कर अमल करने का आश्वासन दिया।