ये बात कल शांति समिति की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृपाशंकर शुक्ला ने रखी। पुलिस व प्रशासन के रवैए से वे खासे नाराज दिखे। कहना था कि हर बार उत्सवों को लेकर एकल खिड़की से अनुमति की बात होती है, लेकि न सच्चाई ये है कि एसडीएम, सीएसपी और टीआइ के यहां चक्कर लगाने पड़ते हैं। आदमी अनुमति के लिए भटक रहा है।
झांकी पर मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर उन्होंने कहा कि देना है तो समय पर दे दो, छकाया क्यों जाता है। सरकार का माल है सरकारी काम में ही तो लग रहा है जनता का पैसा जनता के पास। चर्चा के दौरान भाजपा नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा ने झांकियों को समय पर शुरू करने का सुझाव दिया।कहना था कि सभी को चिमनबाग मैदान पर छह बजे खड़ा कर दिया जाए और एक-एक कर रवाना किया जाए।
साथ में चूरण व गुटखा विज्ञापनों पर रोक लगाने की भी बात कही। इधर, मजदूर नेता हरनामसिंह धारीवाल ने पिछले साल झांकियों को रोकने पर कैलाश विजयवर्गीय के रथ पर सवाल खड़े किए? कहना था कि उनकी वजह से हमें तीन घंटे परेशान होना पड़ा। ऐसा अब नहीं होना चाहिए। चर्चा के दौरान आइडीए के पूर्व संचालक राजेश उदावत ने प्रमुख जगहों पर १०८ खड़ी करने का कहा ताकि किसी भी दुर्घटना के समय तुरंत मदद की जा सके।
कुलकर्णी भट्ठा पुल बनेगा परेशानी
भाजपा नेता हरिनारायण यादव ने बताया कि कुलकर्णी भ_ा के पुल के निर्माण की वजह से ट्रैफिक का दबाव परदेशीपुरा व राजकुमार ब्रिज पर बढ़ गया है। उसके लिए भी चिंता करना होगी। इसके लिए सुभाष नगर से मालवा मिल मुक्तिधाम के आसपास सड़क पर लगने वाले बाजार को शिफ्ट किया जाए।
भाजपा नेता हरिनारायण यादव ने बताया कि कुलकर्णी भ_ा के पुल के निर्माण की वजह से ट्रैफिक का दबाव परदेशीपुरा व राजकुमार ब्रिज पर बढ़ गया है। उसके लिए भी चिंता करना होगी। इसके लिए सुभाष नगर से मालवा मिल मुक्तिधाम के आसपास सड़क पर लगने वाले बाजार को शिफ्ट किया जाए।
बिजली कंपनी मांग रही ६० हजार का पुराना बकाया
मिल मजदूर यूनियन के लक्ष्मीनारायण पाठक ने कहा कि विद्युत वितरण कंपनी पिछले साल का ६० हजार रुपए बकाया बिल मांग रही है। जैसे-तैसे चंदा करके झांकी निकलती है और तीन दिन मिल पर रखते हैं। जब सरकार मजदूरों को २०० रुपए में बिजली दे रही है तो झांकी भी तो मजदूरों की ही है माफ की जाए।
मिल मजदूर यूनियन के लक्ष्मीनारायण पाठक ने कहा कि विद्युत वितरण कंपनी पिछले साल का ६० हजार रुपए बकाया बिल मांग रही है। जैसे-तैसे चंदा करके झांकी निकलती है और तीन दिन मिल पर रखते हैं। जब सरकार मजदूरों को २०० रुपए में बिजली दे रही है तो झांकी भी तो मजदूरों की ही है माफ की जाए।