फरियादी भरत पिता कल्याणचंद सिंघल निवासी अग्रवाल नगर ने पुलिस को बताया कि बताया की मेरा छावनी में ऑफिस है। मैं दलाली का काम करता हूं। कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री का भाई रानू अग्निहोत्री कमोडिटी का कच्चा काम करता है। किसी अन्य के जरिए मेरा उससे व्यापार हुआ जिसमें मुझे उससे १ लाख का घाटा हुआ। इसमें से मैं ५० हजार रुपए दे चुका था और ५० हजार देने थे। इसी के लिए रानू अग्निहोत्री, विनोद जायसवार अपने २० से २५ साथियों के साथ रात को मेरे छावनी स्थित कलंगी कैनवास ऑफिस पर आए। यहां आते ही रानू, विनोद व अन्य ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी। एयरपोर्ट रोड पर रहने वाले मेरे मित्र संतोष अग्रवाल मेरे साथ थे उन्हें भी पीटा। मेरे पूरे ऑफिस में तोडफ़ोड़ कर दी। मेरा सिर फोड़ दिया जिससे खून निकलने लगा। इसके बाद रानू व अन्य मेरा अपहरण कर ले गए। मेरा मोबाइल छीन लिया और बंद कर रख लिया। इसके बाद दो से तीन घंटे तक मुझे कार में यहां से वहां घुमाते रहे और पीटते रहे। इस दौरान मुझे पिस्टल अड़ाकर धमकी दी की पुलिस से शिकायत की तो जान से मार देंगे।
– घायल हालत में पहुंचा घर
फरियादी भरत सिंघल ने बताया कि रानू व अन्य ने मेरा मेाबाइल भी रख लिया और घायल हालत में मुझे अग्रसेन चौराहे पर रात करीब १२.३० बजे छोड़कर भाग गए। खून से लथपथ होकर में रात को अग्रवाल नगर अपने घर पहुंचा। भरत की पत्नी ने पड़ोसियों को उठाया। पड़ोसी अमित ने बताया कि मैं गया तब भरत बुरी तरह घायल थे सिर से खून बह रहा था। रात को हम एमवाय अस्पताल ले गए और उनका मेडिकल कराया जहां उन्हें टांके आए। पुलिस ने भी रात में भरत के बयान लिए।
– थाना प्रभारी को पता ही नहीं इधर, मामले में जब हमने सुबह संयोगितागंज थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह रघुवंशी से जब इस संबंध में बात की तो कहने लगे मुझे तो पता ही नहीं कि मेरे थाना क्षेत्र में विवाद हुआ। जबकि दूसरी तरफ व्यापारी के अॅाफिस में तोडफ़ोड़, मारपीट, अपहरण हो गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस कितनी मुस्तैद है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस पर मामला दबाने का भी आरोप लग रहा है। कारण है कि रानू कांग्रेस के रसूखदान नेता गोलू अग्निहोत्री का भाई है। गोलू की पत्नी को कांग्रेस ने विधानसभा एक से प्रत्याशी बनाया था बाद में टिकट काटकर संजय शुक्ला को दिया गया। वहीं गोलू अग्निहोत्री से इस संबंध में बात की तो बोले मुझे जानकारी नहीं है, मैं नागपुर में हूं।