– कार्यवाहक अध्यक्ष को अच्छी नहीं लगी शहर अध्यक्ष की सीख
– मंत्री सज्जनसिंह वर्मा कर चुके हैं सुलह का प्रयास
झंडावंदन के दौरान मंत्री के सामने आपस में उलझे कांग्रेसी, जिला कार्यवाहक अध्यक्ष ने करवाया चुप
इंदौर. कांग्रेस के शहर अध्यक्ष प्रमोद टंडन व कार्यवाहक अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के बीच पटरी नहीं बैठ पा रही है। झंडावंदन कार्यक्रम के दौरान भी दोनों उलझ रहे थे, जिला कार्यवाहक अध्यक्ष सदाशिव यादव ने हस्तक्षेप कर दोनों को शांत कर दिया।
must read : लड़के का मुंह कमोड में डालने वाले गुंडे मुख्तियार ने ससुराल में छिपा रखी थी पिस्टल गांधी भवन में 15 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट की उपस्थिति में झंडावंदन कार्यक्रम रखा गया था। यहां कार्यवाहक अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने मुख्यमंत्री के संदेश को पढ़ा। शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टंडन के बोलने की बारी आई तो उन्होंने कांग्रेसियों को एकता की सीख दी। विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए प्रमोद टंडन बोले, प्रतिस्पर्धा कांग्रेसियों में नहीं होना चाहिए। आपसी प्रतिस्पर्धा को भूलकर हमें प्रतिद्वंदी भाजपा को लेकर प्रतिस्पर्धा करना चाहिए, उससे पार्टी का भला होगा।
must read : इंदौर की पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन को भी मिला है पद्मश्री अवॉर्ड…!बाकलीवाल को अच्छी नहीं लगी सीख टंडन की यह सीख बाकलीवाल को अच्छी नहीं लगी। जब मंत्री सिलावट का भाषण चल रहा था उस दौरान बाकलीवाल ने टंडन को घेरते हुए कहा एकता की बात करते हो, लेकिन आयोजन करने में किसी से चर्चा नहीं की जाती, खुद ही सारे फैसले ले लेते हो। इस पर प्रमोद टंडन ने भी कुछ कहा तो विवाद की स्थिति बन गई। विवाद होते देख पास बैठे जिला कार्यवाहक अध्यक्ष सदाशिव यादव ने हस्तक्षेप कर कांग्रेस की बदनामी का हवाला देते हुए दोनों को चुप कर दिया। बाद में बाकलीवाल सिलावट के साथ रवाना हो गए जिससे विवाद आगे नहीं बढ़ पाया।
must read : ‘उज्जैन महाकाल में दो संदिग्धों से सुना है मैंने, इंदौर एयरपोर्ट पर होने वाला है बड़ा हमला’मंत्री कर चुके हैं सुलह का प्रयास पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा शहर अध्यक्ष प्रमोद टंडन व विनय बाकलीवाल के बीच चल रही खींचतान को खत्म करने का प्रयास कर चुके हैं। टंडन ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए बैठक बुलाई तो बाकलीवाल ने दूरी बना ली थी। इस पर मंत्री सभी नेताओं को लेकर बाकलीवाल के पास पहुंचे और दोनों को गिले शिकवे छोडक़र साथ चलने के लिए गले मिलवाया था। हालाकि इस सुलह के प्रयास के बाद भी खींचतान कायम है।