पांच नंबर विधायक महेंद्र हार्डिया इंदौर में एक मात्र ऐसे विधायक थे, जिन्होंने शिवराज सरकार में 75 हजार से ज्यादा लोगों को सीधे सरकारी योजना का फायदा दिलाया था। इतना सब कुछ करने के बावजूद उन्हें महज 1133 वोटों से जीत हासिल हुई। यही वजह थी कि भाजपा संगठन भी क्षेत्र को कमजोर मान रहा था तो कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी अपना गढ़। इस फेर में उन्होंने पूरी ताकत लगाई थी, मानना था कि लंबी लीड उठा लूंगा, लेकिन 34 हजार वोटों का गड्ढा हो गया
हालांकि खजराना के वार्ड 38 के भाजपाई पार्षद उस्मान पटेल के यहां 9 हजार 774 से भाजपा हारी, जबकि भाजपा को 1720 वोट मिले। वार्ड 39 में पार्षद रुबिना के वार्ड से 16 हजार 643 से संघवी जीते, जबकि भाजपा को 364 वोट मिले। वार्ड 53 में संघवी को 15 हजार 57 वोटों से जीते जबकि भाजपा को 1714 ही वोट मिलें। इधर, लालवानी को सबसे ज्यादा वोट पार्षद आशा होलास सोनी, प्रणव मंडल और राजेश सोलंकी के वार्ड से मिली। वहीं संघवी के वार्ड से 848 से लालवानी ने जीत दर्ज कराई।
पटवारी के वार्ड से ही जीत गई भाजपा विधानसभा चुनाव में जीतू पटवारी यहां से साढ़े पांच हजार वोटों से जीते थे, लेकिन शंकर यहां से 79 हजार 731 वोटों से चुनाव जीते। पटवारी के गृह वार्ड व उनके बूथ से ही भाजपा जीती। विधानसभा में हारने वाले सिलिकॉन सिटी के वार्ड से लालवानी को 10 हजार 400 की लीड मिली। पार्षद बलराम वर्मा के वार्ड से 10 हजार 700, पार्षद नीलेश चौधरी के वार्ड से 11 हजार 400 से चुनाव जीते हैं। वरिष्ठ नेता मधु वर्मा के गृह वार्ड से 8300 वोटों की लीड मिली जबकि उन्हें मात्र 2800 से संतोष करना पड़ा था। राऊ में भाजपा के लिए सिर्फ बांक और नायता मुंडला ही गड्ढा था। भाजपा बांक में 8 हजार तो नायता मुंडला में दो हजार से हारी।