शुक्ला की आय विधानसभा चुनाव की तुलना में कम हुई है, लेकिन चल अचल संपत्ति में 36 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। पत्नी की संपत्ति यथावत है। शुक्ला के पास लक्जरी कारों सहित व्यावसायिक वाहनों का बेड़ा भी है। सभी कारों के अंतिम चार अंक 9000 है। पति-पत्नी के पास 10 किलो सोना (4 किलो संजय व 6 किलो अंजलि) व 5 किलो चांदी के जेवरात भी हैं। एक रिवाल्वर भी है।
यह खुलासा बुधवार को शुक्ला द्वारा महापौर पद के लिए दाखिल नामांकन में दिए गए संपत्ति के ब्यौरे से हुआ। शुक्ला दोपहर 1.30 बजे कलेक्टोरेट में ढोल-ढमाके के साथ नामांकन जमा करवाने पहुंचे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में समर्थक साथ थे। जिला निर्वाचन अधिकारी मनीषसिंह के समक्ष उन्होंने नामांकन पेश किया, जिसे जांच के बाद जमा किया गया। शुक्ला ने नामांकन के साथ दिए शपथपत्र में अपने कामकाज, चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया है। इसमें अपराध की जानकारी भी दी गई है। शुक्ला ने 16 मामलों की जानकारी दी है। इसमें 144 के प्रकरण अधिक हैं। शुक्ला की वर्ष-2017-18 में आय 1.81 करोड़ रुपए दर्शाई गई थी। यह 2020-21 में 1.39 करोड़ रुपए हो गई। शुक्ला पर 32.85 करोड़ रुपए के बैंक ऋण हैं। उन्होंने शेयर में भी निवेश किया है।
नोट: शुक्ला व उनकी पत्नी के पास कुल 53 एकड़ जमीन है। दोनों के पास 75 वाहन हैं।
अरबपति हैं संजय और उनकी पत्नी नामांकन पत्र के अनुसार संजय शुक्ला की कुल संपत्ति करीब 80 करोड़ रुपए है। वहीं उनकी पत्नी अंजलि शुक्ला के पास करीब 27 करोड़ की संपत्ति है। इस तरह शुक्ला दंपती के पास करीब 108 करोड़ रुपए की संपत्ति है। शुक्ला की संपत्ति में साढ़े तीन साल में 35 करोड़ का इजाफा, इसी दौरान खरीदे 20 नए वाहनमर्सीडिज, बीएमडब्ल्यू, रेन्ज रोवर सहित लक्जरी कार हैं।
घोषणा: महापौर बनते ही 500 वर्ग फीट तक का संपत्तिकर होगा माफ
कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला ने बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने स्वयं उन्हें फॉर्म बी सौंपा। हालांकि नाथ उनके साथ नामांकन दाखिल कराने नहीं गए। वे केवल सभा में ही पहुंचे। नामांकन जमा करने से पहले हुई जनसभा में शुक्ला ने घोषणा की कि महापौर बनते ही वे 500 वर्ग फीट तक का संपत्तिकर माफ करेंगे।
सफाई जनता के कारण, निगम ने सिर्फ भ्रष्टाचार किया: शुक्ला ने नगर निगम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उनका कहना था कि इंदौर में सफाई शहर की जनता के कारण हुई किसी अफसर के कारण नहीं। लेकिन उस सफाई के नाम पर निगम में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ।