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कांग्रेस पार्षद ने लगाई शर्त, तुम्हारा फोन उठ जाए तो मैं पार्षदी छोड़ दूंगा…

locationइंदौरPublished: Jan 16, 2018 02:08:00 pm

कांग्रेस के आंदोलन स्थल से भाजपा सचेतक लगाते रहे फोन, महापौर ने नहीं उठाया

congress protest

इंदौर. जनसमस्याओं और नगर निगम के अफसरों की कार्यशैली को लेकर कांग्रेस के पार्षदों सहित अन्य नेताओं ने सोमवार को मुख्यालय परिसर में आंदोलन किया। शाम 4 बजे से शुरू हुए कांग्रेसियों के धरना-प्रदर्शन के बीच शाम 5 बजे करीब भाजपा पार्षद दल के सचेकत भगवान सिंह चौहान पहुंचे। वे अपने दफ्तर में काम करने आए थे, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि उन्हें कांग्रेसी अपने आंदोलन में शामिल कर लेंगे।
कांग्रेस पार्षद सादिक खान, सचेतक चौहान को पकडक़र महापौर मालिनी गौड़ और निगम के खिलाफ दिए जा रहे धरने में लेकर आए। चौहान के कांग्रेसियों के आंदोलन में आते ही पार्षद खान ने शर्त लगाई कि अगर तुम्हारा फोन महापौर उठा लें तो मैं अपनी पार्षदी दांव पर लगाता हूं और पार्षदी छोड़ दूंगा। इस पर भाजपा सचेतक चौहान ने तत्काल महापौर गौड़ को मोबाइल पर फोन लगाया। मोबाइल की पूरी घंटी बजने के बावजूद उनका फोन नहीं उठा। इसके बाद पार्षद खान ने फिर दांव लगाया और बोले दूसरी बार लगाओ। अगर उठ गया तो पार्षदी छोड़ दूंगा। सचेतक चौहान ने दूसरी बार फिर फोन लगाया तो पूरी घंटी बजने के बावजूद नहीं उठा। शर्त का सिलसिला यहीं नहीं रुका और खान ने तीसरी बार फिर अपनी बात को दोहराने के साथ फोन लगाने कहा। तीसरी बार भी महापौर को चौहान ने फोन लगाया, तो थोड़ी देर के लिए पार्षद खान सकते में आ गए कि अगर अब फोन उठ गया तो क्या होगा? लेकिन किस्मत पार्षद खान के साथ थी, और तीसरी बार भी भाजपा सचेतक का फोन महापौर ने नहीं उठाया।
इस पर अन्य कांग्रेसी नेता बोले देखा जब पार्टी के लोगों का फोन महापौर नहीं उठातीं तो हमारी क्या बिसात? महापौर गौड़ के फोन न उठाने पर भाजपा सचेतक आहत होकर जब अपने दफ्तर में बैठने के लिए ऊपर पहुंचे तो कांग्रेस की महिला पार्षदों ने उनका घेराव कर दिया। जैसे-तैसे करके वे बचकर नीचे उतरे और सीधे निगम से रवाना हो गए। हालांकि कांग्रेसी पार्षदों ने कई बार प्रदर्शन किए, लेकिन ज्ञापन लेने न तो कभी महापौर गौड़ आईं और न ही आयुक्त मनीष सिंह। इन दोनों के कार्यकाल में पहली बार आयुक्त सिंह कांग्रेस पार्षदों के कल निगम मुख्यालय में हुए आंदोलन में ज्ञापन लेने पहुंचे। आंदोलन में नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम के साथ कांग्रेसी पार्षद और पार्टी के अन्य नेता शामिल हुए। धरना-प्रदर्शन शुरू होने के करीब 2 घंटे बाद निगम मुख्यालय पहुंचे आयुक्त सिंह ने कांग्रेस पार्षदों के साथ बैठकर बात की। इस दौरान शहर अध्यक्ष प्रमोद टंडन, प्रदेश महामंत्री अनिल यादव, प्रदेश सचिव राजेश चौकसे, दीपू यादव, शेख अलीम, नेता प्रतिपक्ष अलीम, पार्षद अंसाफ अंसारी, अनवर दस्तक, जुलेखा कादरी, चंद्रकला मालवीय, भूपेंद्र चौहान, युकां प्रदेश उपाध्यक्ष पिंटू जोशी, कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे, रफीक खान और सर्वेश तिवारी आदि मौजूद थे। इन्होंने जनसमस्या के साथ निगम की कार्यशैली को लेकर आयुक्त सिंह से बात की।

मच्छी बाजार से गंगवाल रहेगा 80 फीट
नेता प्रतिपक्ष अलीम और कांग्रेस पार्षदों की बात सुनने के बाद आयुक्त सिंह ने कहा आप लोग जो बात कर रहे हैं कि शहर में मास्टर प्लान के हिसाब से रोड नहीं बनी, तो ऐसा नहीं है। सभी रोड मास्टर प्लान के हिसाब से ही बनी हैं। इसलिए मच्छी बाजार से गंगवाल बस स्टैंड तक भी 80 फीट ही रोड बनेगी। इसमें किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा। न्यायालय के निर्देशों का पालन कर ही निगम काम कर रहा है। वार्डों में काम न होने को लेकर आपकी शिकायत सही है। पिछले डेढ़ दो महीने से स्वच्छता के चलते काम प्रभावित हुआ है। 10 दिन का समय और दो। इसके बाद काम प्रभावित नहीं होंगे। कई जगह हमने इसलिए काम रूकवाए हैं कि ठेकेदारों के पास पहले से कई काम हैं। अगर और देंगे तो करेंगे नहीं। परिषद की बैठक हर दो माह में बुलाने का अधिकार सभापति का है मेरा नहीं। परिषद एजेंडों पर साइन कर जारी करने का अधिकार भी उनका है।

भाजपा की कठपुतली बनकर करते हो काम
वार्ड 9 से कांग्रेस पार्षद अनिता तिवारी ने आयुक्त सिंह के समक्ष अपने पति पर दर्ज पुलिस केस का मुद्दा उठाया। पत्नी ने अपने पति सर्वेश तिवारी को लेकर आयुक्त सिंह के सामने सवाल खड़ा किया कि कचरा न उठाने और महिला के साथ अभद्रता करने वाले को मेरे पति ने समझाना चाहा तो आपने उनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवा दिया। पिछले दिनों जब भाजपा पार्षद जितेंद्र चौधरी ने मार्केट उपायुक्त लोकेंद्र सिंह सोलंकी से हुज्जत करने के साथ गाली-गलौज की तो आप चुप क्यों हो गए? मेरे पति पर केस दर्ज करवा दिया तो निगम अफसरों के साथ अभद्रता करने वाले भाजपा पार्षद पर केस दर्ज क्यों नहीं करवाया? इस पर आयुक्त सिंह बोले आप हमारी सम्मानीय पार्षद हैं। आपके पति नहीं। कार्रवाई के दौरान थोड़ा बहुत रोष आ जाता है, लेकिन फिर भी हमने अवैध निर्माण हटाया। इतना सुन पार्षद पत्नी और पति दोनों उठकर बोले तो फिर रेडिसन चौराहे पर पार्षद सरोज चौहान ने चांटा नहीं मारा तो फिर उन पर केस दर्ज क्यों हुआ ?

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