मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमल नाथ ने इस बार रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाने का आदेश शहर और जिला अध्यक्षों को जारी किया था। इस आदेश को शहर कांग्रेस कमेटी ने गंभीरता से नहीं लिया और दोनों ही आयोजनों को लेकर सिर्फ औपचारिकता ही निभाई। पिछले दिनों रामनवमी के दिन पार्टी कार्यालय गांधी भवन में रखे गए भगवान श्रीराम के पूजन-अर्चन में जहां 15 से ज्यादा नेता नहीं जुटे, वहीं कल हनुमान जन्मोत्सव पर पंढरीनाथ चौराहा स्थित हनुमान मंदिर पर रखे गए सुंदरकांड के पाठ में भी कांग्रेसियों की इतनी ही संख्या थी। कांग्रेसियों, राह चलते लोग और मंदिर पर हमेशा बैठने वाले 5 से 6 लोगों को मिलाकर कुल संख्या 20 से 25 के आसपास थी।
कांग्रेसियों के अनुसार रामनवमी पर रखे गए कार्यक्रम में शहर के नेताओं को फोन न लगाने की भूल को इस बार शहर कांग्रेस कमेटी पदाधिकारियों ने सुधारते हुए गांधी भवन से सुंदरकांड पाठ में आने को लेकर कांग्रेसियों को फोन लगाए। वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, हारे-जीते पार्षद, शहर व प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा संगठन अध्यक्षों व पदाधिकारयों, ब्लॉक अध्यक्षों, मंडलम् व सेक्टर प्रभारियों, शहर कांग्रेस प्रवक्ता आदि को फोन लगाया गया। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर गांधी भवन से इतने लोगों को फोन लगाया गया तो फिर सुंदरकांड पाठ में 15 से 20 कांग्रेसी ही क्यों जुटे? इतने लोगों को फोन लगाए तो 250 से 300 लोग एकत्रित क्यों नहीं हुए? जबकि शहर में कांग्रेस के 85 मंडलम् अध्यक्ष, 7 प्रवक्ता, हारे-जीते मिलाकर 85 पार्षद, 26 के आसपास ब्लॉक अध्यक्ष, 10 के आसपास मोर्चा संगठन अध्यक्ष और शहर व प्रदेश पदाधिकारी सहित अन्य नेता अलग हैं। इनमें से आधे भी आ जाते तो संख्या 100 के पार हो जाती।
