पिता चौकीदार, मां घरों में काम करती है, पढ़ लिखकर सिपाही बना तो अब बस्ती के बच्चों को कर रहा शिक्षित
बेटी को लेकर एसएसपी भी पहुंची सिपाही की पाठशाला में, बच्चों ने गीत सुनाए और जताई पुलिस बनने की इच्छा
पिता चौकीदार, मां घरों में काम करती है, अब बस्ती में जाकर बच्चों को शिक्षित कर रहा है यह सिपाही
इंदौर. पिता चौकीदारी करते है, मां घरों में काम करती है, खुद ने भी गैरेज में तो कभी अगरबत्ती कारखाने में काम किया, पढ़ाई की, मेहनत कर सिपाही बना। अभी मंजिल आगे है, पीएससी की तैयारी करने के साथ ही यह सिपाही लालबाग की बस्ती में पहुंचकर बच्चों को शिक्षित कर रहा है। अपने अभियान को नाम दिया है ऑपरेशन स्माइल, लक्ष्य है कि बच्चे भी पढ़े लिखे और अच्छी पोस्ट पाए। इस रविवार को एसएसपी रुचिव वर्धन मिश्र अपनी मासूम बेटी को लेकर सिपाह की पाठशाला में पहुंची और अच्छे काम के लिए पीठ थपथपाई।
सूर्यदेव नगर में रहने वाले संजय चावरे पिछले करीब 4 साल से लालबाग बस्ती में जाकर बच्चों को पढ़ा रहा है, प्रयास है कि बच्चे किसी गलत राह पर न चलें और पढ़ लिखकर अपना भविष्य अच्छा बनाए। संजय के पिता चौकीदारी करती है जबकि मां भी घरों में काम करती है। परिवार में 3 बहने, व एक छोटा भाई है। संजय ने खुद पढ़ाई के साथ गैरेज व अगरबत्ती कारखाने में काम किया। एक साल पहले पुलिस विभाग में चयन हुआ और द्वारकापुरी थाने में पदस्थ है। पुलिस की घंटों की मशक्कत वाली ड्यूटी के बाद भी हर रविवार वह अपनी इस पाठशाला में आकर 4 घंटे बच्चों के बीच बिताते है। अपने इस काम को नाम दिया है ऑपरेशन स्माइल।
एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र को सिपाही के प्रयास की जानकारी मिली तो रविवार दोपहर वह संजय की पाठशाला में पहुंच गई। साथ थी उनकी मासूम बेटी मिष्ठी। बच्चों के बीच पहुंचकर एसएसपी ने उनसे पाठशाला में होने वाली पढ़ाई की जानकारी दी। बच्चों ने उन्हें कविता व गीत सुनाए। पढ़ाई को लेकर सवाल पूछे तो बच्चों ने उनकी सही सही उत्तर दिया। इस पर एसएसपी ने सिपाही संजय की पीठ भी थपथपाई।