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ऑनलाइन क्लास से बच्चों की याददाश्त पर असर

locationइंदौरPublished: Apr 22, 2021 02:12:03 am

कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर से दूसरे साल भी ऑनलाइन पढऩे को मजबूर बच्चे

ऑनलाइन क्लास से बच्चों की याददाश्त पर असर

ऑनलाइन क्लास

इंदौर. कोरोना की दूसरी लहर के कारण स्कूल खुलने की उम्मीद एक फिर से खत्म हो गई है। सरकार ने परीक्षाएं निरस्त कर दी हैं, वहीं जिन कक्षाओं के स्कूल खुल रहे थे वो भी बंद कर दिए गए हैं। बीते एक साल से बच्चें ऑनलाइन ही पढ़ाई कर रहे हैं ऐसे में बच्चों में कई विकृतियां देखने को मिल रही हैं।
ऑनलाइन क्लॉस से प्रदेश के बच्चों में पहले से ही कई नकारात्मक प्रभाव देखे जा रहे हैं। आगे भी इस मामले में कई चुनौतियां हैं। विशेषज्ञों की राय और शोध इस बात को पुख्ता कर रहे हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई और इलेक्ट्रॉनिक्स गेजेट्स का उपयोग से बच्चों पर विपरित असर डाल रहा है। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले दिनों प्रदेश के बच्चों पर किया शोध भी ऑनलाइन क्लास को बच्चों के लिए ठीक नहीं मानता है।
ऑनलाइन पढ़ाई चुनौती, बदलना होगा पढ़ाइ का तरीका
सहोदय ग्रुप के संयोजक यूके झा ने बताया कि ऑनलाइन क्लास के कई नुकसान है। इससे बचने के कुछ ज्यादा तो तरीके नहीं है, लेकिन पढ़ाइ का तरीका बदलना होगा। बच्चों के माता-पिता की जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। बच्चों को मोबाइल से पढ़ाई नहीं करने देना चाहिए। पढ़ाई का माध्यम डेस्कटॉप ही होना चाहिए। इससे बच्चा क्या पढ़ रहा है आसानी से देखा जा सकता है और बच्चे की आंख पर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। पहले के मुकाबले बच्चों में भी ऑनलाइन क्लास में रुचि कम हुई है। ऐेसे में बच्चों में रुचि जगानी होगी।
ऑनलाइन पढ़ाई को कम करते हुए घर पर ही ऑफलाइन पर जोर देना होगा। इसमें पैरेंट्स की जवाबदारी बढ़ेगी। स्कूल से दी जानी वाली वर्कशीट पर ऑफ लाइन पढ़ाई भी मददगार साबित होगी।
बच्चों के स्क्रीन टाइम में कमी करना होगी
मनोचिकित्सक डॉ आशुतोष सिंह ने बताया कि पढ़ाई के दौरान पैरेंट्स को साथ में बैठना होगा। बच्चों को क्लास और उसके बाद कोई भी चीज समझने में मदद करनी होगी। ये भी ध्यान रखना होगा कि गेजेट्स का उपयोग पढ़ाई के अलावा किसी और अन्य एक्टिविटी में न हो सके। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्क्रीन टाइम को कम करना होगा। स्कूल और पैरेंट्स को देखना होगा इस पर कैसे काम किया जा सकता है। जितना हो सके स्क्रीन पर कम पढ़ाई करते हुए घर पर ही नोट्स के जरिए पढ़ाई हो सके।
ऑनलाइन क्लास के हैं नुकसान
बच्चों के सीखने के स्तर पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
बच्चे पिछली कक्षा में सीखे हुए कौशल भी भूलने लगे हैं।
पढ़ाई ऑनलाइन होने से राइटिंग हैबिट्स छूट रही है।
क्लॉस में जिस तरह से डाउट क्लियर हो सकते हैं उस तरह ऑनलाइन संभव नहीं।
ऑनलाइन क्लॉस में बच्चे मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप के आदि हो रहे हैं।
इंटरनेट और गैजेट्स के साथ दिनभर समय बिताने पर बच्चे इंटरनेट का गलत उपयोग भी कर सकते हैं।
आंखों पर विपरित असर पड़ रहा है।
चिड़चिड़ापन महसूस करने लगे हैं। वर्चुअली पढ़ाई करने से मानसिक परेशानी भी आ सकती है।
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