सोलंकी नगर में रहने वाले भरत पिता चंपालाल (45) की रात तीन बजे मौत हो गई। भरत को कल शाम को भर्ती किया गया था। रफीक पिता सलीम खान (64) निवासी गुलाब बाग महू की रात ढाई बजे मौत हो गई। मोहम्मद आवेस (25) निवासी चंदन नगर की रात 10.30 बजे मौत हो गई। रेहाना बी पति सादिक (75) निवासी खजराना को 4 मार्च को अस्पताल में भर्ती किया था। देर रात इनकी भी मौत हो गई। मोहम्मद शाकिर पिता फत्तू खां (36) निवासी प्रकाश का बगीचा की भी अलसुबह करीब 6 बजे मौत हो गई। अंबिकापुरी में रहने वाले भरत ठाकुर का गोकुलदास में इलाज चल रहा था, उसकी भी मौत हो गई। वहीं गोकुलदास में ही भर्ती रफीक अहमद बेलिम की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। २ अप्रैल को इन्हें भर्ती किया था। परिजनों ने रात 3 बजे इन्हें महूनाका कब्रिस्तान में दफनाया। इस तरह पांच मौतें एमआरटीबी अस्पताल और दो मौतें गोकुलदास अस्पताल में हुईं। सभी मृतक कोरोना संदिग्ध बताए जा रहे हैं।
संदिग्धों के शवों को लेकर भी असमंजस
एमआरटीबी, एमवाय अस्पताल, गोकुलदास अस्पताल में पहुंचने वाले जिन संदिग्धों की इलाज के दौरान मौत हो रही है उनके शवों को ले जाने को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन रही है। कल अंबिकापुरी के जिस भरत की मौत हुई उसका शव परिजन ले जाने को राजी नहीं थे। इसका कारण कोरोना लक्षण थे, लेकिन रिपोर्ट आई नहीं थी। परिजनों का कहना था कि हम सुबह ही अस्पताल से शव को ले जाएंगे और अंतिम संस्कार कर देंगे, क्योंकि अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो फिर घर के अन्य सदस्यों को भी खतरा हो सकता है। वहीं प्रबंधन परिजनों पर रात में ही शव ले जाने को लेकर दबाव बनाता रहा। देर रात तक विवाद चलता रहा। ऐसी घटना हर दिन सामने आ रही है।
पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों में लगातार आ रहा अंतर
इधर, एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जारी किए जाने वाले पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों और भोपाल संचालनालय से जारी किए जाने वाले इंदौर के मरीजों के आंकड़ों में खासा अंतर आ रहा है। भोपाल ने कल शाम को इंदौर के अंाकड़े 128 बताए, जबकि इंदौर के मेडिकल कॉलेज से 113 मरीज बताए गए। सुबह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने 115 मरीज होना बताया। ऐसे में इंदौर के पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों पर भी असमंजस बना हुआ है।