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जीतेंगे हम : प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना मरीजों को इस टीम ने किया ठीक

locationइंदौरPublished: Jul 05, 2020 05:45:22 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

HIGHLITS
इनके बुलंद हौसलों ने 3 हजार से अधिक परिवारों को लौटाईं खुशियां सीमित संसाधनों के बावजूद मरीजों के उपचार में जुटे रहे दिन-राततीन माह से कोरोना संक्रमितों के बीच दे रहे हैं सेवाएं

जीतेंगे हम : प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना मरीजों को इस टीम ने किया ठीक

जीतेंगे हम : प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना मरीजों को इस टीम ने किया ठीक

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
इंदौर. मध्यप्रदेश में चिकित्सकों की एक टीम ऐसी है, जो तीन माह से दिन-रात कोरोना मरीजों के बीच रहकर सेवा कार्य में जुटी है। टीम का हर सदस्य 24 घंटे सिर्फ कोरोना मरीजों के उपचार के बारे में सोचता है। एक समय ऐसा भी था, जब सैकड़ों की संख्या में मरीज एकसाथ इस टीम के पास इलाज के लिए आते थे। इनमें कई की हालत बेहद गंभीर होती थी। तब दवाएं और संसाधन दोनों सीमित थे। इसके बावजूद चिकित्सकों की टीम ने पूरी कोशिश कर मरीजों को मोटिवेट करने के साथ उनका उपचार किया। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। इसका असर रहा कि अब तक यह टीम प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों को ठीक कर चुकी है। चिकित्सकों की यह बेमिसाल टीम मध्यप्रदेश के सबसे संक्रमित जिले इंदौर में काम कर रही है। डॉ. रवि डोसी और उनकी टीम के संकल्प और समर्पण से अरबिंदो मेडिकल कॉलेज में 4 हजार 776 पॉजिटिव मरीजों में से 3000 से अधिक स्वस्थ होकर लौट चुके हैं।
मेडिकल टीम के 'नायक' डॉ. रवि डोसी जिनके नेतृत्व में हजारों कोरोना पीड़ितों को जिंदगी मिली।
एक बार तो डॉक्टर होकर भी लगा डर
डॉ. डोसी ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के बीच कुछ पल ऐसे भी आए जब डॉक्टर होने के बावजूद मैं डर गया था। हमारी टीम के सदस्य अस्पताल में भर्ती जूनी इंदौर थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवशी के इलाज में जुटे थे। उनकी दो रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद राहत की सांस ली। फेफड़ों का संक्रमण भी काफी हद तक नियंत्रण में था। 20 अप्रेल की रात 11 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली। रात 11 बजे से डेढ़ बजे तक उनके साथ रहा और पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें बचा नहीं सके। अपनी आंखों के सामने इस तरह से जिन्दगी को हाथ से फिसलते देख उस दौरान डॉक्टर होने के बाद भी मैं डर गया था।
प्लाज्मा थैरेपी का किया पहला प्रयोग
डॉ. डोसी ने बताया कि हमारी टीम ने ही प्रदेश में सबसे पहले प्लाज्मा थैरेपी के जरिए मरीजों को ठीक करने की पहल की। इसके लिए सबसे पहले कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया। फिर उनके ब्लड से प्लाज्मा निकालकर ऐसे मरीजों को चढ़ाया, जिनकी हालत पहले से नाजुक थी। इसका हमें फायदा मिला और कई मरीजों को जीवनदान मिल सका।
परिवार से दूर, फिर भी सुकून
चिकित्सकों की टीम के कई सदस्यों ने बताया कि कोरोना संकटकाल में जिस तरह आम आदमी को बीमारी का खतरा था, उतना ही खतरा हमें भी था। ऐसे में रोजाना मरीजों के बीच काम करते हुए घर जाना बहुत मुश्किल था। लगातार घर से बाहर रहकर मरीजों की सेवा में पूरा समय बिताया। लेकिन इस बात का सुकून था कि हमारी मेहनत सफल रही और सैकड़ों मरीजों को ठीक कर उन्हें सही सलामत उनके अपनों के बीच वापस पहुंचाया।
(डिस्क्लेमर : फेसबुक के साथ इस संयुक्त मुहिम में समाचार सामग्री, संपादन और प्रकाशन पर पत्रिका समूह का नियंत्रण है)

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