कोरोना के चलते 41 दिन से लॉकडाउन चल रहा है। करीब एक माह से थाली से सब्जी गायब है। इसको लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने सब्जी वितरण की व्यवस्था जमाई, जो आज सफलतापूर्वक अमल में आ गई। शहर को छह सेक्टर और १९ जोन में बांटा गया। सभी सेक्टरों के हिसाब से गार्डनों में सब्जी पैक करने की व्यवस्था की गई थी। कल शाम से माल आना शुरू हो गया।
देर रात तक २० हजार के करीब ऑर्डर किराने वालों के पास पहुंच गए थे। उस हिसाब से पैकेट्स तैयार किए गए। काम रातभर चलता रहा। आज अलसुबह सभी गार्डनों से सुबह 7 बजे लोडिंग में माल भरकर रवाना करना शुरू कर दिया गया। ऐसी व्यवस्था की गई कि दो घंटे में सब्जी पैकेट किराना दुकानों पर पहुंच जाए। मदद के लिए जोन व वार्ड स्तर पर निगम की टीम लगी हुई थी।
क्वालिटी से समझौता नहीं निगम अपर आयुक्त श्रृंगार श्रीवास्तव को सब्जी वितरण का प्रभारी बनाया गया। कल शाम से वे गार्डनों का दौरा कर रहे थे। शहनाई गार्डन में जब वे पहुंचे तो टमाटर की गाड़ी आई थी। साइज छोटी देखते ही श्रीवास्तव ने बोल दिया कि थोड़ा बड़ा होना चाहिए। थोक व्यापारी ने तुरंत ही गाड़ी को लौटा दिया। दूसरे टमाटरों की व्यवस्था की गई।
रास्तेभर रुकी गाड़ी निमाड़, हरदा के अलावा देपालपुर व बिजलपुर से भी सब्जी बुलाई गई। हरी मिर्ची ही नासिक से आई। दिनभर निगम अफसर व थोक सब्जी व्यापारियों को मार्गों में गाडिय़ों को रोके जाने पर उलझना पड़ा। इंदौर कलेक्टर की अनुमति दिखाए जाने के बाद भी कुछ जिलों में तो उनसे भी अनुमति लेने की बात कही गई। आखिर में काफी मशक्कत के बाद गाड़ी छोड़ीं।
दो बार की सैनिटाइज सुरक्षा को लेकर सभी गार्डनों में सैनिटाइजर के टैंकर लगा दिए गए। जैसे ही गाड़ी आती और माल उतरना शुरू होता है, वैसे ही उसे सैनिटाइज किया जा रहा है। पैकिंग में लगे सभी कर्मचारियों को सुरक्षा के सभी साधन दिए गए। पैक होकर सब्जी जा रही तो भी उसे सैनिटाइज किया जा रहा है।