राजनीतिक दबाव की वजह से धीरे धीरे शहर को खोल दिया गया। उसका असर अब सामने नजर आ रहा है। बुधवार से तीन दिन के आंकड़े हिलाकर रखने वाले हैं। पहले दिन १५७, दूसरे दिन १४५ और तीसरे दिन यानी शुक्रवार की रात को आई रिपोर्ट ने जमीन हिला दी। १८५ मरीज सामने आए हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि पूरे परिवार के परिवार पॉजिटिव आ रहे हैं।
कल आई पॉजिटिव मरीजों की फेहरिस्त में भागीरथपुरा का एक परिवार है, जिसके ११ सदस्यों का नाम है। परिवार का एक सदस्य आयकर सलाहकार है, जिसके पास २५ जुलाई को एक शख्स मिलने आया था। उसके कुछ समय बाद तबीयत खराब होने लगी। गला खराब व बुखार को देखते हुए २७ को जांच कराई, जो पॉजिटिव आई थी। सरकारी महकमे ने एमटीएच अस्पताल में भर्ती करा दिया था। इलाज के बाद ३ अगस्त को छुट्टी कर दी गई।
उसके बाद पिता की तबीयत खराब हो गई लगातार खांसी आने के बाद उन्होंने जांच करने का प्रशासन से आग्रह किया। टीम घर पहुंची और परिवार के १२ सदस्यों का सैम्पल लिया, जिसकी रिपोर्ट कल रात को आई। परिवार की एक सदस्य को छोड़कर बाकी की सभी सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसमें ११ साल के बच्चे से लेकर ६५ साल के बुजुर्ग शामिल हैं। परिवार का कहना है कि वे लॉकडाउन के बाद से किसी के यहां नहीं गए। जब से एक सदस्य पॉजिटिव आए, उसके बाद तो घर से भी नहीं निकले।
परिवार के परिवार निकल रहे पॉजिटिव तीन दिन में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा जोड़ा जाए तो ४८७ का बन रहा है। इंदौर भी दिल्ली व मुंबई की तरह कोरोना विस्फोट की ओर बढ़ रहा है। कल की सूची में पांच से अधिक पॉजिटिव मरीजों की संख्या गुलमर्ग विला कनाडिय़ा रोड, गाडरा खेड़ी, चंद्रावतीगंज, कम्पेल, कृष्णबाग कालोनी, श्रीसंपदा कॉलोनी, छत्रपति नगर, सुखलिया, इंद्रलोक, कबूतर खाना, पिपलदा, नंदनवन और स्कीम १३४ है। इसमें अधिकांश जगह या गांव नए हैं, जहां पर मरीज सामने आए हैं। इसको देखते हुए अफसरों के माथे पर चिंता की लकीर खिंचना शुरू हो गई है।