तेजी से फैल रहे कोरोना पर बारीकी से नियंत्रण रखने के लिए समय-समय पर जांच नियमों में भी बदलाव किए जा रहे हैं। प्रयास किया जा रहा है कि स्थिति एकदम स्पष्ट हो। अब तक हो ये रहा था कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला अगले दिन पहुंचकर मरीज को अस्पताल पहुंचा देते हैं। लक्षण नहीं होने पर होम क्वॉरंटीन भी कर दिया जाता है। इसके अलावा परिवार के सदस्य और पड़ोसियों का हाथोहाथ सैंपल ले लिया जाता है।
अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें पहली रिपोर्ट नेगेटिव आ गई और चार-पांच दिन बाद जब जांच कराई तो परिवार के सदस्य पॉजिटिव आए। इसको देखते हुए कलेक्टर ने नए निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी जांच दल व उनके प्रभारियों को साफ कर दिया है कि अब तुरंत जांच नहीं की जाए। चार से पांच दिन का अंतर रखने के बाद कोरोना पॉजिटिव के परिजन व पड़ोसियों के सैंपल होंगे।
ऐसे होगा काम कोरोना पॉजिटिव मरीज के सामने आने के बाद कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम तुरंत पहुंच जाएगी, जिसमें डॉक्टर, एनजीओ और नगर निगम के कर्मचारी होते हैं। मरीज से पूछताछ कर उसे अस्पताल भेजा जाएगा, तो परिजन व पड़ोसियों की जानकारी ली जाएगी। वे तुरंत सार्थक एप पर सारी जानकारी लोड कर देंगे। इस बीच में किसी की तबीयत खराब होती है, तो उसका सैंपल तुरंत लिया जा सकता है।