तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक कोरोना संक्रमित इलाकों में मौके पर आते-जाते हैं। कई बार उन्हें फील्ड के बाद ऑफिस भी आना पड़ता है। ऐसे में वायरस न फैले और कर्मचारी भी सुरक्षित रहे, इसको ध्यान में रखते हुए तरकश ग्रुप के विक्की गौड़ ने सैनिटाइजर मशीन तैयार की। उसके बाद एडीएम बीबीएस तोमर से संपर्क कर कलेक्टोरेट में लगाने की इच्छा जाहिर की।
स्वीकृति मिलते ही गौड़ ने कलेक्टोरेट भवन के प्रवेश पर इसे लगा दिया। मौके पर एसडीएम सुनिल कुमार झा मौजूद थे, जिन्हें टेस्टिंग करके दी गई। इसका स्विच पैर में लगाया गया, ताकि हाथ न लगाना पड़े। चालू करने के बाद कुछ देर तक फुहारों से सैनिटाइजर चारों तरफ उड़ता है, जो पूरे शरीर को कवर कर देता है। तोमर ने नाजिर अशोक त्रिवेदी को सैनिटाइजर की व्यवस्था जुटाने के निर्देश देकर मशीन को शुरू कर दिया।
बहुत तलाशा, नहीं मिला सेंसर गौड़ ने बताया कि वह एल्युमिनियम सेंक्शन व खिड़की-दरवाजे बनाते हैं। लॉक डाउन में सब बंद है। कारीगरों के ठहरने की व्यवस्था फैक्टरी पर ही है। अस्पताल में मशीन लगी देखी तो तय किया कि प्रशासन के अफसरों के लिए भी यह आवश्यक है। जुगाड़ करके मशीन तैयार कर ली। सेंसर ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन नहीं मिलने पर विकल्प के तौर पर बटन लगाया गया।