जहां एक तरफ कुछ अस्पतालों में डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं, जिसको लेकर कलेक्टर ने कल पांच डॉक्टरों का पंजीयन निरस्त कर दिया। वहीं कुछ डॉक्टर मरीजों की सेवा में दिन-रात लगे हैं। उनमें से एक हैं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनिल राजन व आशीष गोयल। वे लॉक डाउन में अब तक 17 ऑपरेशन कर चुके हैं। इसमें से १० मरीज ऐसे हैं, जिन्हें वे जानते भी नहीं थे और अन्य जिलों से आए थे।
चार दिन पहले डॉ. राजन के पास बंगलुरु से विक्रम नामक व्यक्ति का फोन आया। कहना था कि खरगोन में सास हरबंस कौर घर में गिर गई हैं, उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई है। स्थिति बहुत खराब है। ससुर की तबीयत ठीक नहीं हैं, उन्हें लाने वाला कोई नहीं है। इस पर डॉ. राजन ने उन्हें एंबुलेंस में राजश्री हॉस्पिटल भेजने की सलाह दी।
दामाद को चिंता थी कि वहां पर उनका कोई नहीं है, जिस पर जवाब था कि ये समझना कि मैं उनका बेटा हूं। इंदौर पहुंचने के बाद अगले दिन ऑपरेशन किया, जो सफल रहा। दूसरे दिन उन्हें अस्पताल में चलाया गया और तीसरे दिन एंबुलेंस में खरगोन रवाना कर दिया गया। जब छुट्टी हो रही थी तब दामाद व उनका पूरा परिवार चकित था। उन्हें चिंता मुक्त करने के लिए डॉ. राजन ने बकायदा वीडियो बनाकर भेजा।
घर में हो रहे स्लिप डॉ. राजन के मुताबिक लॉक डाउन में उन्होंने अब तक 17 ऑपरेशन और दो दर्जन से अधिक लोगों को फै्रक्चर होने पर प्लास्टर किया है। इसका अर्थ ये है कि घर पर रहने के बाद भी लोग सावधानी नहीं रख रहे, जिसकी वजह से वे दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इनमें अधिकतर ५० से अधिक उम्र के लोग हैं, जिनका ऑपरेशन करना पड़ा। इंदौर तो ठीक खंडवा, खरगोन, धार, देवास और उज्जैन से भी कई मरीज आ रहे हैं। अब तक तीन लोगों के कूल्हे का ऑपरेशन किया जा चुका है।