लॉकडाउन समाप्त करने का अभी फैसला नहीं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिया है कि मध्यप्रदेश में लॉकडाउन समाप्त करने का अभी फैसला नहीं हुआ है। इस संबंध में अधिकारियों एवं समाज के विभिन्न वर्गों की राय ले रहे हैं। कुछ दिन में जैसी स्थिति रहेगी, उसके अनुसार फैसला करेंगे। हालांकि स्थितियों के अनुसार अप्रैल अंत तक लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। इस पर अंतिम फैसला कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द लेंगे।
लॉकडाउन एकाएक हटाना मुश्किल
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि इंदौर और भोपाल की जो स्थिति लग रही है, उसे देखते हुए लॉकडाउन एकाएक हटाना मुश्किल लग रहा। हमारे लिए सबसे जरूरी लोगों की जान बचाना है। कोरोना वायरस को अमेरिका की तरह हंसी-खेल में नहीं ले सकते। अमेरिका ने शुरू में इसकी गंभीरता नहीं समझी, इसलिए आज वह ज्यादा परेशानी में है। मैं भी जल्दी करने के चक्कर में कोई खतरा मोल नहीं ले सकता हूं।
कुछ इलाकों में मिल सकती है राहत
मध्यप्रदेश के जिन इलाकों में कोरोना का संक्रमण नहीं है, उन इलाकों में कुछ छूट मिलने की संभावना है। ताकि संक्रमित क्षेत्रों में जरूरी सामान पहुंचाया जा सकें। लेकिन इस दौरान किसी को भी जिले से बाहर जाने या बाहर से आने की कोई अनुमति नहीं मिलेगी। चिकित्सा और कानून व्यवस्था से जुड़े लोगों को यथा स्थिति में ही रखा जाएगा। ऐसा निर्णय लिया जा सकता है।
लोगों के इकठ्ठा होने की प्रभावी निगरानी
मुख्यमंत्री कहा कि प्रदेश में कई जगह सिर्फ तब्लीगी जमातियों के कारण कोरोना वायरस फैला। स्वास्थ्य विभाग के अनेक कर्मचारियों एवं पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण की एकमात्र वजह बिना सूचना दिए पहुंचे जमाती हैं। उन्हें ढूंढने में पुलिस को परिश्रम करना पड़ा और आज भी अनेक लोगों को ढूंढा जा रहा है। उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने में अथक परिश्रम करने वाले अनेक पुलिसकर्मी उनके कारण ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए।
सभी को लॉक डाउन खुलने का इंतजार
फल, सब्जी और दूध में लगे किसान परेशान हैं। कोरोना से उद्योगों-धंधो पर प्रभाव पड़ा है। छोटी दुकानदारों की स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है। ऐसे में उम्मीद है कि प्रदेश के कुछ इलाकों में लॉकडाउन से ढील बरती जा सकती है। लेकिन, इसके लिए पूरी तैयारी की जाएगी। ताकि सोशन डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। लॉकडाउन में किसानों के लिए खतरा बना हुआ है। मौसम खराब होने के चलते गेंहू की फसल खराब हो सकती है। हालांकि कृषि कार्य के लिए कुछ इलाकों में राहत है।