मामला गणगौर घाट स्थित गंगेश्वर महादेव मंदिर का है। डेढ़ दशक पहले धर्मरक्षा समिति के आंदोलन के बाद निगम ने घाट और मंदिर का जीर्णाद्धार कराया था, तब से बिजली विभाग ने लाइन दे रखी है, ताकि मंदिर रोशन रहे। इसी का फायदा उठाते हुए नगर निगम में डस्टबिन और उसके स्टैंड सप्लाय करने वाला ठेकेदार रियान जैन बिजली चोरी कर रहा था। जैन का गोदाम व फैक्टरी घाट से लगी हुई है। जैसे ही सूरज अस्त होता, वह वैसे ही लाइन जोड़कर स्टैंड बनाने का काम शुरू कर देता था।
इसका खुलासा कुछ माह पहले हुआ, जब मंदिर की लाइट बारबार खराब होने लगी। इस पर मंदिर समिति अध्यक्ष जीतू कुशवाह ने जांच की तो ये चोरी पकड़ में आई। इस पर जैन को समझाइश दी कि वह गलत काम नहीं करे। कुछ दिन तक तो ठीक चला, लेकिन उसने फिर वही हरकत शुरू कर दी। कल तो दिन में ही काम चल रहा था, जिसकी जानकारी लगने के बाद कुशवाह ने पहले तो वीडियो बनवाए और उसको बिजली विभाग के राजमोहल्ला जोन पर दिखाकर शिकायत दर्ज कराई।
माल जब्त मौके पर इंजीनियर भास्कर घोष, अमित कश्यप, अजय पांडे व दिनेश रायकवार पहुंचे, तब भी जैन अवैध रूप से कनेक्शन लेकर काम करवा रहा था। घोष ने तुरंत गोदाम के माल को जब्त करने का आदेश दिया। वहीं, पंचनामा बनाया गया, जिसमें एक लाख से अधिक का बिल थमाने की तैयारी की जा रही है।
फैक्टरी में भी कनेक्शन
जांच के दौरान एक चौंकाने वाली बात ये भी सामने आई कि निगम ठेकेदार जैन ने 4 किलोवाट का कनेक्शन ले रखा है, लेकिन उसका बिल बहुत कम आता है। उससे ही बिजली अफसरों को अंदाजा लग गया कि सारा काम चोरी की बिजली से ही हो रहा था।
जांच के दौरान एक चौंकाने वाली बात ये भी सामने आई कि निगम ठेकेदार जैन ने 4 किलोवाट का कनेक्शन ले रखा है, लेकिन उसका बिल बहुत कम आता है। उससे ही बिजली अफसरों को अंदाजा लग गया कि सारा काम चोरी की बिजली से ही हो रहा था।