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चुनाव चिन्ह ही नहीं फोटो देखकर भी चुन सकेंगे पार्षद-महापौर, जानिए नामांकन के खास नियम

locationइंदौरPublished: Jun 11, 2022 07:41:02 pm

Submitted by:

bhupendra singh

बड़ा बदलाव : नगरीय निकाय चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने लागू किए कई नए नियम, पार्षद प्रत्याशी को रखना होगा हर दिन का हिसाब

चुनाव चिन्ह ही नहीं फोटो देखकर भी चुन सकेंगे पार्षद-महापौर, जानिए नामांकन के खास नियम

चुनाव चिन्ह ही नहीं फोटो देखकर भी चुन सकेंगे पार्षद-महापौर, जानिए नामांकन के खास नियम

भूपेन्द्र सिंह. नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक पार्टियों ने बिगुल फूंक दिया है। हर बार चुनाव में गले में हार-फूल माला डाले नेताजी मतदाता के पैर छूकर अपना चुनाव चिह्न याद रखने की गुजारिश करते रहे हैं। डाकपत्र से लेकर मतपेटी तक ‘चुनाव चिह्न’ ही हर नेता की पहचान रहा है। लेकिन इस बार बड़ा बदलाव आ चुका है। चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न के साथ ही पार्षद-महापौर प्रत्याशी के चेहरे को भी ईवीएम मशीन में शामिल करने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद अब नेताजी पैर छूकर चुनाव चिह्न के साथ अब चेहरा याद रखने की गुहार लगाते भी नजर आ सकते हैं।
बहुप्रतिक्षित निकाय चुनाव का श्रीगणेश शनिवार से श्रीगणेश हुआ। इस बार निर्वाचन आयोग ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जो पहली बार देखने को मिलेंगे। जहां पहली बार पार्षद प्रत्याशी को हर दिन के खर्च का लेखाजोखा रखना होगा वहीं इस बार इवीएम में प्रत्याशियों का फोटो भी दिखाई देगा। चुनाव को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए आवश्यक बदलावों को जानना प्रत्याशी से लेकर मतदाता के लिए जरूरी है। महापौर प्रत्याशी की खर्च सीमा 35 लाख है वहीं पार्षद प्रत्याशी 8 लाख 75 हजार खर्च कर पाएंगे। खर्च से लेकर मतदान तक पारदर्शिता लाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
एक नाम के दो प्रत्याशी होने पर नहीं होगा असमंजस
ऐसा नहीं है कि निर्वाचन आयोग यह प्रयोग यहीं से शुरू करने जा रहा है। इसके पहले अन्य राज्यों में ईवीएम मशीन पर प्रत्याशी के चुनाव चिह्न के साथ फोटो चस्पा करने का प्रयोग हो चुका है। इसका फायदा यह रहा कि ऐसे कई प्रौढ़ व अशिक्षित मतदाताओं को अपने पसंदीदा प्रत्याशी के चुनाव चिह्न के साथ ही चेहरा देखते ही बटन दबाने की सहुलियत मिल गई। पहले नाम और चुनाव चिह्न होता था। कई बार एक नाम के दो प्रत्याशी भी होते हैं जिससे मतदाता असमंजस में पड़े जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
बैंक के माध्यम से ही होगा हर भुगतान
चुनाव में होने वाले असीमित पैसा खर्च की निगरानी करने के लिए इस बार नए नियम जोड़े गए हैं। निर्वाचन विभाग के मास्टर ट्रेनर आरके पांडे ने बताया, महापौर को तो हर दिन का हिसाब रखना होता ही है। इस बार पार्षद को भी अपना हिसाब रखना होगा। हर भुगतान बैंक के द्वारा होगा इसके लिए अलग से बैंक खाता खुलवाकर निर्वाचन आयोग को जानकारी देनी होगी। फॉर्म जमा करते वक्त रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्रत्याशी को एक रजिस्टर दिया जाएगा। हर पेज का वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसमें हर दिन का हिसाब-किताब रखना होगा। परिणाम आने के 30 दिन के अंदर आयोग में हिसाब देना होगा। अन्यथा भविष्य के लिए चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
300 कॉलम का फॉर्म, हेलिकॉप्टर तक की जानकारी
एडवोकेट प्रदीप होलकर ने बताया, शपथपत्र और नामांकन फॉर्म में करीब 300 बिंदुओं की जानकारी प्रत्याशी को देना होगी। अगर एक भी कॉलम छोड़ा जाएगा तो फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाएगा। शपथ-पत्र में अपने आपराधिक रिकॉर्ड, शिक्षा, संपत्ति, जेवरात से लेकर हेलिकॉप्टर तक की जानकारी मांगी गई है। पहली बार निर्दलीय का एक ही प्रस्तावक पार्टी प्रत्याशी को फॉर्म भरते वक्त एक ही प्रस्तावक की जरूरत होती है वहीं निर्दलीय के लिए 10 प्रस्तावक देने होते थे, लेकिन अब पार्टी प्रत्याशी की तरह निर्दलीय को भी एक ही प्रस्तावक से काम चल जाएगा।
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