scriptबड़ा फैसला : चुनाव ड्यूटी में लगी बस की टक्कर से युवक की मौत, अब कलेक्टर को देना होंगे 13.80 लाख | court order collector to pay 13.80 lakh rupees to victim | Patrika News

बड़ा फैसला : चुनाव ड्यूटी में लगी बस की टक्कर से युवक की मौत, अब कलेक्टर को देना होंगे 13.80 लाख

locationइंदौरPublished: Sep 27, 2019 08:43:39 pm

मोटर दुर्घटना क्लैम मामले में सुनाया गया फैसला
लापरवाहीपूर्ण गाड़ी चलाने वाला ड्राइवर को भी कोर्ट ने माना जिम्मेदार
बस अधिगृहीत होने के चलते मूल मालिक की जिम्मेदारी नहीं हुई साबित

बड़ा फैसला : चुनाव ड्यूटी में लगी बस की टक्कर से युवक की मौत, अब कलेक्टर को देना होंगे 13.80 लाख

बड़ा फैसला : चुनाव ड्यूटी में लगी बस की टक्कर से युवक की मौत, अब कलेक्टर को देना होंगे 13.80 लाख

इंदौर. चुनाव ड्यूटी में लगी बस से एक्सीडेंट होने पर एक युवक की मौत को लेकर मोटर दुर्घटना क्लैम केस को लेकर कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने इस मामले में बस को अधिगृहीत करने का आदेश देने वाले कलेक्टर को जिम्मेदार मानते हुए क्षतिपूर्ति के 13 लाख 80 हजार 400 रुपए देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने लापरवाहीपूर्ण तरीके से बस चलाने वाले ड्राइवर को भी जिम्मेदार माना है। संभवत: इंदौर कोर्ट से इस तरह का पहला फैसला जारी किया गया है।
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न्यायाधीश अमर कुमार वर्मा ने दुर्घटना की दिनांक 5 मार्च 2018 से लेकर भुगतान दिनांक तक का 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देने के भी आदेश दिए हैं। मृतक के परिजनों ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ क्षतिपूर्ति का केस दायर किया था, लेकिन बस के अधिगृहीत होने से बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन पाया गया और उसके मूल मालिक के बजाए कलेक्टर और ड्राइवर को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार माना।
बड़ा फैसला : चुनाव ड्यूटी में लगी बस की टक्कर से युवक की मौत, अब कलेक्टर को देना होंगे 13.80 लाख
यह है पूरा मामला

एडवोकेट अभय जन और हितेश चतुर्वेदी के मुताबिक इंदौर के आशीष पंडित की बस को चुनाव ड्यूटी के लिए धार कलेक्टर ने अधिगृहीत करने के आदेश दिए थे। 5 मार्च 2018 को रतलाम में रहने वाले कैलाश भूरिया (35) अपनी मोटर साइकल से बदनावर-पेटलावत मार्ग से गुजर रहे थे। खाद फैक्ट्री के सामने बस ड्राइवर उदय सिंह ने कैलाश को टक्कर मार दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
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मौत के बाद कैलाश के पत्नी, तीन बच्चों और माता-पिता की ओर से क्लैम केस दायर किया था। केस में बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेंस से ५० लाख रुपए की क्षतिपूर्ति मांग गई थी। कंपनी की ओर कोर्ट में तर्क रख कलेक्टर और ड्राइवर के जिम्मेदार होने के तर्क रखे। बीमा पॉलिसी की शर्तों के मुताबिक वाहन के स्वामी और सेवक ही जिम्मेदार थे, घटना के समय अधिगृहीत बस के मालिक कलेक्टर थे, इसलिए उनके खिलाफ फैैसला दिया गया।

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