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‘मानव वध’ में कोर्ट ने टीआई को भेजा जेल, फैसला सुनकर तबीयत बिगड़ी, जानिए क्या है मामला

locationइंदौरPublished: Apr 30, 2019 12:12:10 pm

‘मानव वध’ में कोर्ट ने टीआई को भेजा जेल, फैसला सुनकर तबीयत बिगड़ी, जानिए क्या है मामला

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‘मानव वध’ में कोर्ट ने टीआई को भेजा जेल, फैसला सुनकर तबीयत बिगड़ी, जानिए क्या है मामला

इंदौर. करीब सवा तीन साल पहले एमआईजी थाने में जिला कोर्ट में काम करने वाले न्यायिक कर्मचारी पंकज वैष्णव की मौत के मामले में तत्कालीन टीआई एमए सैयद को कोर्ट ने जमानत नहीं देते हुए जेल भेजने के आदेश दिए हैं। आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धाराओं में टीआई सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस चालान पेश कर चुकी है। हाई कोर्ट ने सैयद को निचली कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए थे। सोमवार को टीआई ने सरेंडर किया और जमानत अर्जी पेश की थी। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए टीआई की अर्जी खारिज कर दिया। जेल जाने से पहले टीआई की तबीयत बिगड़ गई। सांस लेने में तकलीफ होने के कारण रात को उन्हें एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि कोर्ट ने पंकज की मौत को मानव वध माना था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण की कोर्ट से देर शाम यह आदेश किए गए। हाई कोर्ट ने टीआई को सरेंडर करने के आदेश के साथ निचली अदालत को कहा था, वे उसी दिन उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई भी करे। टीआई के सरेंडर के बाद लंच बाद उनकी जमानत अर्जी पर लंबी बहस हुई। कोर्ट ने सभी तर्क सुुनने के बाद अर्जी खारिज कर दी। पंकज की मां फूलकुंवर बाई की ओर से एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर व गगन बजाड़ ने जमानत पर आपत्ति ली।
यह था मामला

20 दिसंबर 2015 को एमआईजी पुलिस ने न्यायिक कर्मचारी पंकज वैष्णव को गाडी़ चोरी की शंका में हिरासत में लिया था। हिरासत के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पंकज की लाश लॉकअप में उसके जूते के फीते से फांसी लगी हुई मिली थी। पुलिस का कहना था, पंकज ने थाने में आत्महत्या कर ली थी, जबकि परिजन का आरोप था कि पुलिस की मार से उसकी मौत हुई और पुलिस ने उसे बाद में टांग दिया। कोर्ट के आदेश पर मामले की न्यायिक जांच हुई थी, जिसमें कोर्ट ने पंकज की मौत को मानव वध माना था। पंकज की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर टीआई सहित अन्य पुलिस कर्मियों पर हत्या की धारा में केस दर्ज करने की मांग की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सैयद सहित तीन के खिलाफ धारा 306 में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।

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