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गुरु की शिक्षा से महक रहे समाजों के आंगन

locationइंदौरPublished: Jul 16, 2019 02:10:04 pm

अन्नदान और गोसेवा से लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए कर रहे प्रयास

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गुरु की शिक्षा से महक रहे समाजों के आंगन

इंदौर. गुरु की शिक्षा इंदौर में बड़े सामाजिक बदलाव का माध्यम बन रही है। जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी ने सिटी बस से सफर कर एक नई शुरुआत की थी। उसी तर्ज पर गुरुओं के आशीष से विभिन्न समाज अन्नदान, गोसेवा व अन्य धार्मिक गतिविधियों के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी बराबरी से काम कर रहे हैं।
अवधेशानंदगिरि : पर्यावरण संरक्षण को लेकर जनजागरण

जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि धार्मिक गतिविधियों के साथ सामाजिक सुधार को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए वे खुद एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक आई-बस से पहुंचे थे। इस वर्ष पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरण के लिए बड़ा पौधरोपण कार्यक्रम होगा। प्रभु प्रेमी संघ के सुशील बेरीवाला ने बताया, इंदौर में गुरुपूॢणमा के उपलक्ष्य में आचार्य के सानिध्य में पौधरोपण किया जाएगा।
बोहरा समाज : सैयदना के आदेश पर पौधरोपण शुरू

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बोहरा धर्मगुरु सैयदना ने पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पूरे देश में उनके निर्देश पर पौधरोपण किया जा रहा है। उन्होंने देश में दो लाख पौधे रोपने का लक्ष्य समाज के 2 लाख परिवारों को दिया है। मजहर सेठजीवाला ने बताया, शहर में पांच हजार बोहरा परिवार हैं। १२ मस्जिदों के आमिल साहब के नेतृत्व में पौधरोपण हो रहा है। समाज के घरों में एक समय का खाना नहीं बनता है। रोजाना घरों पर मस्जिदों से टिफिन भेजा जाता है।
सिख समाज : गुरु के दरबार से कोई नहीं जाता भूखा

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सिख समाज 10 गुरुओं के बाद गुरुग्रंथ साहिब को अंतिम गुरु मानता है। सभी गुरुओं ने अन्नदान को सबसे बड़ा बताया है। इसी संदेश को समाजजन आगे बढ़ाते हुए गुरु के लंगर के आयोजन के साथ गरीबों व जरुरतमंदों तक भोजन पहुंचाने के काम में लगे हैं। गुरु के दरबार में आया किसी भी धर्म का व्यक्ति कभी भूखा नहीं जाता है।
नागोरिया पीठ : संस्कृति के साथ संस्कृत पर ध्यान

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छत्रीबाग स्थित श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान पर दादा गुरु केशवाचार्य ने धर्म और कर्मकांड के क्षेत्र में प्रकल्प शुरू किए थे, जो आज भी चल रहे हैं। नागोरिया पीठ के स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य धर्म के साथ सामाजिक नवाचारों को भी लगातार बढ़ावा देते आए हैं।
बाबा जय गुरुदेव: शाकाहार-नशामुक्ति का दिया संदेश

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तेजाजी नगर बायपास रोड स्थित ग्राम मिर्जापुर में बाबा जयगुरु देव आश्रम सवा पांच एकड़ में फैला है। गुरुदेव के शाकाहार व नशामुक्ति के लिए अभियान को उनके शिष्य आज भी बढ़ा रहे हैं। हर रविवार हजारों की संख्या में बाबा के भक्त ध्यान, सुमिरन और सत्संग का लाभ लेते हैं।
अग्रवाल समाज : स्वास्थ से लेकर शिक्षा का संदेश

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अग्रवाल समाज गुरुओं के आदेश पर स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा के लिए पूरे साल काम करते हैं। धर्म क्षेत्र में समाज का विशेष योगदान है। समाज के किशोर गोयल ने बताया, समाज अगर अपनी सेवा बंद कर दें तो 60 प्रतिशत काम बंद हो जाएंगे।
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विवि: आत्म शांति से ही विकास

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प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आत्मा को ईश्वर से जोडऩे के लिए साधक तैयार करता है। विश्वविद्यालय से सदगुरु से जोडऩे के लिए कई आश्रम और ध्यान केंद्र बनाए गए हैं। संस्था ने ध्यान साधना, गरीबों की सेवा और शिक्षा के लिए प्रकल्प शुरू किए हैं।
विद्याधाम : मंत्र शक्ति पर जोर, सामाजिक सरोकार भी

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महामंडलेश्वर गिरजानंद सरस्वती के सपने को आश्रम बनाकर साकार करने वाले शिष्य मंत्र शक्ति पर जोर देने के साथ ही रिसर्च भी कर रहे हैं। मंत्रों का मानव हित में प्रयोग निरंतर जारी है। देश की संस्कृति बचाने के साथ ही कर्मकांड की शिक्षा दी जाती है। संजय पंडित ने बताया, गुरु के आदेश का पालन करते हुए यहां पर हर तरह के परोपकार और सामाजिक सरोकार के काम होते हैं।
गीता भवन : कृष्ण की गीता को पहुंचा रहे जनता तक

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भागवत गीता को यथार्थ में बनाए रखने और उसका अर्थ जनता तक पहुंचाने के लिए पिछले 60 वर्षों से गीता जयंती पर देशभर के बड़े-बड़े संत गीताभवन में गीता का सार सरल भाषा में बताते आ रहे हैं। गीताभवन की नींव गोवध रोकने के आंदोलन के प्रणेता काशी के करपात्री महाराज के करकमलों से हुई थी। उनके सामाजिक सरोकार के आदेश आज भी चल रहे हैं।
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