सूर्यदेव नगर की रहने वाली वंदना चौहान ने बताया कि फरवरी 2021 में उन्होंने भागवत कथा कराई थी। भागवत कथा करने आए अजीत ङ्क्षसह चौहान उ$र्फ प्रभुजी महाराज ने कथा में घोषणा की थी कि वह महिलाओं को कथा सुनने के लिए हरिद्वार ले जाएगा। जो महिलाएं जाना चाहतीं हैं, वे एक हजार रुपए देकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें। कथावाचक की बातों में आकर महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही टिकट का पैसा भी दे दिया।
कथावाचक ने स्लीपर, एसी टिकट के नाम पर किसी से दो हजार तो किसी से पांच हजार रुपए ले लिए। जानकारी के मुताबि$क हरिद्वार जाने के लिए करीब तीन हजार महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाकर टिकट का पैसा दे दिया था। इन सबसे उसने करीब 80 लाख रुपए ले लिए और यात्रा का भरोसा देकर चला गया।
लगातार बना रहा बहाने
पैसा लेने के बाद वह लगातार यात्रा टाल रहा है। पहले कोरोना की तीसरी लहर के चलते यात्रा नहीं हो सकी। फिर उसने महिलाओं से कहा कि मुख्य यजमान दीपावली के समय आएंगे, तब वह सभी को हरिद्वार ले जाएगा। दीपावली आने पर उसने फिर मुख्य यजमान का बहाना बनाते हुए यात्रा मई में कराने का बोलकर फिर टाल दिया। अब कुछ दिन पहले उसने फिर महिलाओं से कहा कि मुख्य यजमान ने कथा करने से मना कर दिया है, इसलिए पहले से तय यात्रा नहीं हो सकेगी। नई यात्रा के लिए उन्हें फिर से अपना टिकट कराना होगा। उसने महिलाओं ने कहा कि उन्हें सिर्फ आने-जाने का खर्च देना है, हरिद्वार में उनकी पूरी व्यवस्था है।
पूर्व से तय यात्रा रद्द होने पर जब महिलाओं ने मुख्य यजमान से मिलने की बात कही तो वह खुद को ही मुख्य यजमान बताने लगा। इस पर महिलाओं ने जब उससे अपने पैसे वापस मांगे, तो सिर्फ 40 फीसदी पैसा टुकड़ों में देने की बात कह रहा है। महिलाओं ने उसके खिलाफ शिकायत करने की बात कही तो धमकियां दे रहा है कि यदि उसके खिलाफ कोई भी शिकायत की तो एक भी रुपया वापस नहीं देगा। इससे अच्छा है कि वह शिकायत न करें और टुकड़ों में 40 फीसदी पैसा वापस ले लें।
कथा वाचक ने कथा के दौरान यही कहा था कि आपको कुछ ही रुपए देना हैं बाकी का खर्चा गुजरात के हीरा व्यापारी करेंगे। इसी के चलते सभी ने रजिस्ट्रेशन के नाम पर रुपए दे दिया। बाद में जब महिलाएं उनके पास पहुंची कि कहां है गुजरात का व्यापारी हमें हमारा रुपया चाहिए। इस पर कथा वाचक ने कहा कि तुम सब का रुपया मेरे पास ही है। महिलाओं का आरोप है कि इस तरह से कथा वाचक कई दिनों से लटका रहा है।