script8 लाख लोगों की सरकारी मदद पर संकट | Crisis over 8 million people on government help | Patrika News
इंदौर

8 लाख लोगों की सरकारी मदद पर संकट

आधार, समग्र आईडी और मोबाइल नंबर से लिंक होंगे नए जाति प्रमाण पत्र

इंदौरSep 23, 2018 / 12:28 pm

amit mandloi

indore collectorate

8 लाख लोगों की सरकारी मदद पर संकट

इंदौर. देशभर में एससी एसटी एक्ट में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन का विरोध चल रहा है। इस विरोध के बीच सरकार अपनी योजनाओं में इस वर्ग के लोगों के लिए आधार नंबर और डिजीटल जति प्रमाण पत्र जरूरी करने जा रही है। सरकार ने सभी कलेक्टर को साल 2014 से 31 जुलाई, 2018 तक जारी किए गए जाति प्रमाण पत्रों को आधार से लिंक करते हुए डिजिटल किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। डिजिटल जाति प्रमाण पर नहीं होने से हाल ही में एसटी वर्ग के बड़ी संख्या में छात्र आकांक्षा योजना में शामिल नहीं हो पाए है। जिले में चार साल में 8 लाख से अधिक जाति प्रमाण पत्र एसडीएम के माध्यम से जारी हुए है, जिन्हें डिजिटल किए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है।
दरअसल, सरकार अब सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए डिजीटल जाति प्रमाण जरूरी करने करने जा रही है। हालांकि चुनावी साल होने से अभी इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा रहा है, लेकिन अब योजनाओं में इसीकी उपयोगिता जरूरी कर दी है। इसके लिए सरकार ने प्रदेश में बीते चार साल में बने जाति प्रमाण पत्रों को डिजीटल किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। लोक सेवा केंद्र के माध्यम से इन प्रमाण पत्रों को डिजिटल किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने तीन महीने का समय दिया है, इन तीन महिनों में ये प्रमाण पत्र निशुल्क दिए जाएंगे। सरकार के इस आदेश ने चार साल यानी 2014-15 से 31 जुलाई 2018 तक बने सभी जाति प्रमाण पत्रों को अनुपयोगी कर दिया है।
अब साल 2014-15, 2015-16, 2016-17 और साल 2017-18 में बने जाति प्रमाण पत्रों को सरकारी योजना जैसे स्कालरशिप, अनुदान आदि का लाभ लेने के लिए संबंधित व्यक्ति का आधार नंबर, समग्र आईडी नंबर, मोबाइल नंबर लिंक कराया जाना अनिवार्य कर दिया है। जिला लोकसेवा प्रबंधक आमोक श्रीवास्तव के अनुसार सरकार के निर्देश के बाद से ही जिले में जाति प्रमाण पत्रों को डिजिटल कराए जाने के लिए आवेदन आ रहे हैं। अभी तक 500 आवेदन आ चुके हैं। जिनमें से 400 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
आदिम जाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त मोहिनी श्रीवास्तव का कहना है कि जिले में एससी, एसटी वर्ग के करीब 8 लाख प्रमाण पत्र है जिन्हें डिजिटल फार्मेट में बदला जाना है। इसके लिए सभी प्राचार्यों को कलेक्टर के माध्यम से निर्देश भेजे जा चुके है।
छात्रों को डिजिटल जाति प्रमाण पत्र का प्रोफाइल पंजीयन करना जरुरी है। छात्र इसके लिए किसी भी ऑनलाइन सेंटर या फिर मोबाइल नंबर आधार से लिंक है तो खुद ही प्रोफाइल पंजीयन कर सकते है। योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोफाइल पंजीयन जरूरी है।
तीन दिन में नि:शुल्क मिलेगा प्रमाण पत्र
श्रीवास्तव का कहना है आवेदक को जाति प्रमाण पत्र की फोटोकापी के साथ समग्र आईडी, आधार नंबर और मोबाइल नंबर के साथ लोकसेवा केंद्र पर आवेदन करना होगा। यहां से तीन दिन में उसे नए डिजिटल फार्मेट में जाति प्रमाण पत्र नि:शुल्क दिए जाएंगे। अगर किसी को कोई परेशानी आ रही है तो वह सीधे केंद्र में जाकर शिकायत कर सकता है।
आकांक्षा पर भारी डिजीटल प्रमाण पत्र
अनुसूचित जनजाति के कक्षा 10वीं पास छात्रों के लिए कक्षा 11वीं एवं 12वीं के नियमित अध्ययन के साथ एम्पेनल्ड कोचिंग संस्थानों के माध्यम से आईआईटी, नीट, एम्स व क्लेट की कोचिंग कराई जाने की योजना है। जिसके तहत उन्हें रहने की व्यवस्था भी विभाग ही देगा। छात्र को 10 वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना जरूरी है। इस योजना में आवेदन के साथ डिजीटल जाति प्रमाण पत्र देना जरूरी किया गया था। जिले में इसके लिए 877 छात्र योग्य थे, लेकिन डिजीटल जाति प्रमाण पत्र के ना होने से महज 127 ही आवेदन कर पाए। प्रवेश परीक्षा 4 से 20 सितंबर के बीच भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर केन्द्रों पर आयोजित होगी।

Home / Indore / 8 लाख लोगों की सरकारी मदद पर संकट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो