साइबर सेल के एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, 15 जुलाई को नो बॉर्डर टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर कंपनी के संचालक पीयूष सिंह निवासी विजयनगर ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी। फरियादी ने बताया, जापान की क्रिप्टो करंसी बेस्ड कंपनी केशी कुबो उनकी क्लाइंट है। उनका क्रिप्टो करंसी ऐप उन्हीं की कंपनी ने डेवलप किया है। आरोप था कि जापानी कंपनी के ऐप से क्रिप्टो करंसी (25 बीटीसी व 30 इटीएच) की धोखाधड़ी कर सर्वर से लॉग्स मिटाने के साथ ही कम्प्यूटर कोड से छेड़छाड़ की गई है। क्रिप्टो करंसी की उस समय कीमत 6 करोड़ 70 लाख थी।
शिकायत की जांच पर आइटी एक्ट व धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। निरीक्षक राशि अहमद, रामपाल, विवेक मिश्रा की टीम ने जांच शुरू की। फरियादी ने जापानी कंपनी को 3 प्रोडक्ट बनाकर दिए थे जिनके जरिए कोई उपयोगकर्ता अपना डिजिटल वॉलेट बनाकर अपनी क्रिप्टो संपत्ति रखकर उसको निवेश कर ट्रांसफर भी कर सकता है। ऐसा करने पर उपयोगकर्ता को रिवॉर्ड व बोनस मिलता है। छानबीन में फरियादी की कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करने वाले संदीप (32) पिता राजकुमार गोस्वामी मूल निवासी सागर, हाल मुकाम शिवनगर साकेत की भूमिका सामने आई। वह लापता था। पुलिस टीम ने छानबीन करते हुए उसे मथुरा, यूपी से पकड़ा।
शिकायत की जांच पर आइटी एक्ट व धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। निरीक्षक राशि अहमद, रामपाल, विवेक मिश्रा की टीम ने जांच शुरू की। फरियादी ने जापानी कंपनी को 3 प्रोडक्ट बनाकर दिए थे जिनके जरिए कोई उपयोगकर्ता अपना डिजिटल वॉलेट बनाकर अपनी क्रिप्टो संपत्ति रखकर उसको निवेश कर ट्रांसफर भी कर सकता है। ऐसा करने पर उपयोगकर्ता को रिवॉर्ड व बोनस मिलता है। छानबीन में फरियादी की कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करने वाले संदीप (32) पिता राजकुमार गोस्वामी मूल निवासी सागर, हाल मुकाम शिवनगर साकेत की भूमिका सामने आई। वह लापता था। पुलिस टीम ने छानबीन करते हुए उसे मथुरा, यूपी से पकड़ा।
एमटेक करने के बाद खोली खुद की कंपनी एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, संदीप को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। आरोपी ने भोपाल से बीटेक व एसजीएसआइटीएस से एमटेक किया है। वह साकेत नगर मे खुद की सॉफ्टवेयर कंपनी का संचालन करता रहा है। कंपनी में करीब 15 कर्मचारी थे लेकिन जब साइबर सेल ने तलाश शुरू की तो वह कंपनी बंद कर मथुरा भाग गया। वहां 15 हजार रुपए महीने में मकान किराए से लेकर रह रहा था। पूछताछ करने पर पता चला कि उसने फरियादी पीयूष की कंपनी के साथ जापान की कंपनी के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपर का काम किया था। उसके पास टेक्निकल एक्सेस था जिसका दुरुपयोग किया। एक समय कंपनी के डिजीटल अकाउंट में बड़ी संख्या में क्रिप्टो करंसी थी। मार्च 2019 से आरोपी ने फर्जीवाड़ा शुरू किया। उसने जापानी कंपनी के प्रोडक्ट में फर्जी यूजर बना दिए और फर्जी इनवेस्टमेंट दिखाया। ऐसा करने पर कंपनी की ओर से प्रतिदिन रिवार्ड मिलने लगे। आरोपी क्रिप्टो करंसी एनएनएक्स को बीटीसी (बिटक्वाइन) में कन्वर्ट कर लेता और फिर बीटीसी को अपने वजीर क्रिप्टो वॉलेट में तथा पत्नी व अन्य रिश्तेदारों के क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर लेता था। जानकारी ली तो पता चला कि कंपनी के वॉलेट से आरोपी द्वारा बनाए गए वॉलेट में करीब 11.97 से ज्यादा बीटीसी ट्रांसफर हुए हैं। वहां से 10 फर्जी यूजर के एड्रेस में बीटीसी ट्रांसफर हो गए। संदिग्ध वॉलेट संदीप का था जिसके आधार पर वह पकड़ा गया।
विदेश भागने की तैयारी में था
पुलिस ने वृंदावन, मथुरा से आरोपी को पकड़ा। एसपी के मुताबिक, करोड़ों की धोखाधड़ी करने के बाद आरोपी विदेश भागने की तैयारी में था। पूछताछ में पता चला कि मार्च 2019 में उसने धोखाधड़ी शुरू की। शुरुआत में कम राशि हड़पी और जब पकड़ा नहीं गया तो सीमा बढ़ाता रहा। फर्जी यूजर की जानकारी डिलिट करने से उसे लगा था कि पकड़ा नहीं जाएगा लेकिन खुद के क्रिप्टो करंसी वॉलेट में राशि ट्रांसफर करने से पकड़ा गया। आरोपी ने इस राशि से 18 लाख की लग्जरी कार खरीदी थी। साकेत नगर में उसका फ्लैट व ऑफिस है। ऑफिस के नाम 9 लाख रुपए का लोन लिया था वह भी चुका दिया। सागर में प्लॉट खरीदा था जो दस दिन पहले 15 लाख में बेच दिया। वजीर वॉलेट में करीब 20-25 लाख रुपए होने की बात सामने आई, उक्त राशि को सीज कर दिया है। आरोपी ने अन्य संपत्तियां भी खरीदी थीं, उन्हें भी सीज करने की कार्रवाई का जी रही है।
पुलिस ने वृंदावन, मथुरा से आरोपी को पकड़ा। एसपी के मुताबिक, करोड़ों की धोखाधड़ी करने के बाद आरोपी विदेश भागने की तैयारी में था। पूछताछ में पता चला कि मार्च 2019 में उसने धोखाधड़ी शुरू की। शुरुआत में कम राशि हड़पी और जब पकड़ा नहीं गया तो सीमा बढ़ाता रहा। फर्जी यूजर की जानकारी डिलिट करने से उसे लगा था कि पकड़ा नहीं जाएगा लेकिन खुद के क्रिप्टो करंसी वॉलेट में राशि ट्रांसफर करने से पकड़ा गया। आरोपी ने इस राशि से 18 लाख की लग्जरी कार खरीदी थी। साकेत नगर में उसका फ्लैट व ऑफिस है। ऑफिस के नाम 9 लाख रुपए का लोन लिया था वह भी चुका दिया। सागर में प्लॉट खरीदा था जो दस दिन पहले 15 लाख में बेच दिया। वजीर वॉलेट में करीब 20-25 लाख रुपए होने की बात सामने आई, उक्त राशि को सीज कर दिया है। आरोपी ने अन्य संपत्तियां भी खरीदी थीं, उन्हें भी सीज करने की कार्रवाई का जी रही है।