मामला इंदौर में पदस्थ रहे सीएसपी की महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ पत्नी का है। इम्फाल में पदस्थ सेना के मेजर अरुणसिंह ने 19 जनवरी 2019 को उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। 30 वर्षीय मेजर का आरोप था कि महिला अफसर की उम्र करीब 48 साल है लेकिन उन्होंने खुद को 24 वर्ष का बताकर पहचान की, अपना नाम भी फर्जी बताया। आरोप था कि महिला अफसर बीमारी के कारण उम्र ज्यादा लगने का छलावा दिया ता। एप के जरिरए दोनों की पहचान हुई और फिर जुलाई 2017 में आर्य समाज मंंदिर में शादी कर ली। अंडमान में हनीमून मनाया और कई शहरोंं में घूमे। बाद में बेटमा में एक मकान भी लिया।
फर्जी मार्कशीट से हुआ शकमेजर ने पुलिस रिपोर्ट में बताया कि शादी के बाद आधार कार्ड, 10वीं की मार्कशीट महिला अफसर ने दी। शंका होने पर जांच की तो दोनों फर्जी निकले। बाद में पता चला कि वह सीएसपी की पत्नी है और जिन दो युवतियों को ताऊजी की बेटियां कहकर मिलाया था वे वास्तव में उनकी बेटियां है। शिकायत पर केस दर्ज करने को लेकर दबाव था, जांच के बाद अन्नपूर्णा पुलिस ने केस दर्ज किया था।
मूल दस्तावेज नहीं कर पाई पुलिस, इसलिए कर दिया खात्माअन्नपूर्णा पुलिस ने केस दर्ज करनेे के बाद आर्य समाज मंदिर से दस्तावेज जब्त किए। इस केस में शुरुआत से ही पुलिस पर दबाव नजर आ रहा था जिसके कारण जांच आगे नहीं बढ़ पाई। धोखाधड़ी के आरोपों के तहत फर्जी मार्कशीट, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज देने का आरोपप था, पुलिस नकली दस्तावेज की मूल कापी ही नहीं जब्त कर पाई। तर्क है, केस में जिस फर्जी दस्तावेज का आरोप है उसकी मूल कॉपियां नहीं मिली इसलिए खात्मा कर दिया। अन्नपूर्णा टीआई सतीश द्विवेदी का कहना है, मूल दस्तावेज नहीं मिलने से धोखाधड़ी साबित नहीं हो पाई जिसके कारण केस का खात्मा कर दिया है। खात्मा कोर्ट में पेश किया है जिस पर 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
रेप के मामले में बढ़ सकती है मेजर की परेशानीअन्नपूर्णा में दर्ज हुए केस के बाद उसी सप्ताह महिला अफसर ने मेजर पर थाना तेजाजीनगर में बलात्कार का केस दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि उसे नशीला पदार्थ खिलाकर मेजर ने बलात्कार किया और बाद में धमकाया। चूंकि धोखाधडी का मामला साबित नहीं हुआ है इसलिए पुलिस खात्मे के आधार पर मेजर के खिलाफ चालान की तैयारी कर रही है। एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे के मुताबिक, चालान के लिए विधिक राय ली जा रही है।