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इस तरह एक से दूरे शरीर में प्रवेश करता है संक्रमण
चीन के वुहान साल दिसंबर 2019 में सामने आया ये नया वायरस इससे पहले कभी मनुष्यों में नहीं पाया गया था। ये वायरस किसी भी सतह पर कई घंटों तक जीवित रह सकता है। यही नहीं ये नोटों के जरिये भी संक्रमित व्यक्ति के जरिये एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में भी प्रवेश कर सकता है। यही वजह है कि, आरबीआई ने संक्रमण से रोकथाम को लेकर कुछ अहम सुझाव दिये हैं। इसकी पुष्टि डॉ. सुधीर द्वारा भी की गई है। तो आइये जानते हैं, क्या हैं आरबीआई के सुझाव और क्या डॉ. सुधीर गुप्ता इसकी पुष्टि करते हैं?
करेंसी नोट के जरिये फैल सकता है वायरस
पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बनाने वाला कोरोना वायरस करेंसी नोट के जरिये कोरोना वायरस फैल सकता है। वायरस के वाहक के रूप में करेंसी का इस्तेमाल भी चिंता का विषय है। कागज से बने करेंसी नोट महामारी बन चुके कोरोना वायरस को फैलने में सहायक साबित हो सकते हैं। जब तक कोरोना वायरस का पर्याप्त उपचार नहीं मिल जाता, तब तक हर छोटी-बड़ी सावधानी ही संक्रमण से बचा सकती है। इनमें दैनिक जरूरतों की चीजों से अधिक सावधान रहने की आवश्यक्ता है। इन्ही में से एक है पैसों का लेन-देन।
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नोटों में होते है हजारों बैक्टीरिया
जॉ. गुप्ता के मुताबिक, आरबीआई द्वारा जारी सुझाव भी कागज के नोट पर हुए एक शोध पर आधारित है, जिसमें सामने आया था कि, लोगों के संपर्क में आए किसी भी नोट पर हजारों बैक्टीरिया भी लग जाते हैं, जो इंसान के हाथों से शरीर में प्रवेश कर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी वजह से आरबीआई मानता है कि, कोरोना वायरस भी कागज के नोटों से एक से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी गाइडलाइन कोरोना वायरस को रोकने में अहम कदम मानी जा रही है।यह गाइडलाइन कैश लेने और देने के बारे में है। संक्रमण से बचाव के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ये सुझाव दिये गए हैं।
डिजिटली करें भुगतान
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सुझाव दिया है कि, लोगों को संक्रमण से बचे रहने के लिए जितना संभव हो नकदी भुगतान से बचते हुए डिजिटली रुपयों का आदान प्रदान करना चाहिए। लोग एनईएफटी, आईएमपीएस, यूपीआई और बीबीपीएस जैसी फंड ट्रांसफर की सुविधाओं का इस्तेमाल करें, जो चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं। आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल के मुताबिक, ‘नकद राशि भेजने या बिल का भुगतान करने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना पड़ सकता है। लेकिन, अब तक संक्रमण के फैलाव का मुख्य स्त्रोत यही भीड़भाड़ वाले इलाकों में सोशल डिस्टेंस का पालन न करना है। डिजिटल ट्रांजेक्शन से आप इस समस्या से भी बच सकते हैं।’
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नगद लेन-देन से कैसे हो सकता है संक्रमण
कोरोना वायरस का संक्रमण खांसी से फैलता है। अगर उस व्यक्ति को खांसी आएगी, तो वो अपने हाथों का इस्तेमाल जरूर करेगा। नगद लेन-देन में आप अपने हाथों का इस्तेमाल जरूर करेंगे। अगर इसके बाद हाथ साफ नहीं किए गए हैं, तो आप तक ये संक्रमण बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप भी उन रुपयों के इस्तेमाल के बाद हाथ अच्छी तरह साफ किये बिना ही अपने चेहरे या नाक से लगाते हैं, तो संभव है कि, संक्रमण आपके शरीर में भी प्रवेश कर सकता है।