पर्देदार हुए एसी कोच, लीलन सुविधा शुरू
इंदौरPublished: Apr 26, 2022 10:57:04 am
कोविड-19 का असर सीधे तौर पर ट्रेनों पर भी पड़ा था। दो साल में अधिकांश समय ट्रेनों का संचालन बंद रहा। जब संचालन शुरू हुआ तो एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों की कई सुविधाएं बंद कर दी गई थी। लेकिन अब इन सुविधाओं को दोबारा शुरू किया जा रहा है। डॉ. आंबेडकर नगर(महू) से चलने वाली पांच में से चार एक्सप्रेस ट्रेनों में लीलन की सुविधा शुरू कर दी गई है। वहीं बेपर्दा हुए एसी कोच को दोबारा पर्देदार कर दिया गया है।
पर्देदार हुए एसी कोच, लीलन सुविधा शुरू
डॉ. आंबेडकर नगर(महू).
कोरोना काल में जहां लंबे समय तक पश्चिम रेलवे ने अपनी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया है। वहीं जब संचालन शुरू किया तो एसी कोच के पर्दे, लीलन सेवाएं बंद कर दी गई। इसके साथ तापमान भी निश्चत कर दिया गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि पर्दे, लीलन और तापमान कम होने से संक्रमण फैलने का डर बना हुआ था। मार्च माह में देशभर में संक्रमण न्यूनतम स्तर पर आने के बाद अब रेलवे ने दोबारा इन सुविधाओं को शुरू कर दिया है। महू से चलने वाली मालवा एक्सप्रेस, प्रयागराज एक्सप्रेस, नागपुर एक्सप्रेस और यशवंतपुर एक्सप्रेस के एसी कोच में यात्रियों को लीलन(तकिया, चादर, कंबल, तोलिया) देना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही कोच में एसी का तापमान भी पहले की तरह की कर दिया है। जबकि कोविड के दौरान तापमान 24-25 डिग्री सेल्सियस कर दिया गया था।
इधर लापरवाही जारी
करोड़ा रुपए खर्च कर रेलवे निजी ठेकेदारों से यात्री सुविधाओं के काम करवा रहा है। लेकिन जमीनी स्तर ट्रेन सफर के दौरान यात्रियों को खासा परेशान होना पड़ता है। ताजा उदाहरण प्रयागराज-डॉ.आंबेडकर नगर एक्सप्रेस का है। रविवार दोपहर प्रयागराज से महू के लिए रवाना हुई ट्रेन में रात को एसी कोच में एसी अटेंडर सोते हुए मिले। एसी कोच लॉक होने से यात्रियों को दूसरे कोच में से होकर आना पड़ा। इसके बाद लीलन के लिए भी परेशान होना पड़ा। जबकि एसी अटेंडर को हर एक स्टेशन पर कोच का दरवाजा खोलना है और बर्थ पर लीलन पहुंचना है। कोच में सफाई के लिए ओबीएचएस कर्मचारी भी सुबह तक नदारत थे। जिसके कारण वाशरूम में गंदगी थी। इस संबंध में प्रयागराज कंट्रोल रूम की ओर से बताया गया कि समय-समय ट्रेन का निरीक्षण किया जाता है। ऐसा हो रहा है तो औचक निरीक्षण किया जाएगा। जो लीलन का पैकेट दिया गया, उसमें तालिया गायब था।