जनप्रतिनिधि- शिक्षाविद् से लेकर आम लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट हैककर या इडुप्लीकेट बनाकर हजारों की ठगी हो चुकी है। साइबर अपराध जिस तरह तेजी से बढ़ रहा है उस तेजी से तमाम प्रयासों के बाद भी पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही। जिला पुलिस के साथ साइबर सेल भी बना दी गई लेकिन उनकी सफलता का प्रतिशत काफी कम है। अफसर भी मान रहे हैं कि वर्तमान दौर में फेसबुक अकाउंट हैक करने तथा डुप्लीकेट अकाउंट बनाकर ठगी का प्रयास करने के मामले ज्यादा बढ़े है।
अकेले इंदौर शहर में ही हर दिन करीब 5 शिकायतें पुलिस की पास पहुंच रही हैं। आम लोगों के साथ ही विशिष्ट वर्गों को निशाना बनाया जा रहा है। अफसर भी इससे अछूते नहीं हैं। डीआइजी व एसपी स्तर के अफसरों के अकाउंट के साथ छेड़छाड़ हो चुकी है। सायबर अपराधी लगातार चुनौती दे रहे हैं लेकिन एक भी मामले में आरोपी पुलिस नहीं पकड़ पाई। विभाग के अफसरों के अकाउंट से छेड़छाड़ करने वाले अब तक पकड़ से दूर हैं।
डीआइजी-एसपी ने लोगों को आगाह कर बचाया
इंदौर निवासी डीआइजी महेंद्रसिंह सिकरवार व एसपी पश्चिम महेशचंद्र जैन के साथ साइबर अपराधी हरकत कर चुके है। उनके अकाउंट हैककर तथा उनके नाम से डुप्लीकेट अकाउंट बनाकर लोगों को मदद के मैसेज किए। अफसरों को पता चला तो उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को अगाह कर राशि जमा करने से रोका। सिकरवार ने साइबर सेल व महेशचंद्र जैन ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की। दोनों के अपराधी अब तक पकड़ से दूर हैं।
विधायक कुलपति सभी हुए प्रभावित
विधायक महेंद्र हार्डिया के सोशल मीडिया अकाउंट के साथ ऐसा हो चुका है। उन्होंने तत्कालीन डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्रा के सामने लिखित शिकायत की। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक सुरेश सिलावट, अन्य कई नेता, कई थाना प्रभारी हैकरों की हरकत का शिकार हो चुके हैं। अधिकांश मामले पुलिस के पास पहुंचे लेकिन महीनों बाद भी आरोपी नहीं मिले।
छानबीन करने पर झारखंड व असम के ठगोरों द्वारा सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर ठगी करने के सुराग मिले। दूरस्थ स्थानों में आरोपी होने से पुलिस बल वहां जाने से बच रहा है और बदमाश वारदातें कर रहे हैं।