सोलंकी ने चर्चा में पुलिस को बताया कि पूर्व में दलित दूल्हे की वर निकासी रखी गई थी। उस समय कुछ लोगों ने जमकर विवाद किया था, जिससे आयोजन को निरस्त करना पड़ा। ऐसी परिस्थिति फिर से न बने। साथ में उन्होंने गांव में स्थित राम मंदिर में दर्शन कराए जाने की भी मांग की। कहना था कि किसी भी दलित को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है। मांग की गई कि पुलिस सुरक्षा में दलित दूल्हे को राम मंदिर में दर्शन कर वर निकासी निकलवाई जाए।
थाने पर दलित परिवारों का गुबार बाहर आ गया। उन्होंने खुलकर पीड़ा बताई। कहना था कि गांव में आज भी किसी दलित को सरकारी नल से पानी नहीं दिया जाता है। दो-दो हेयर कटिंग सेलून हैं, परंतु कोई भी दलितों की दाढ़ी-कटिंग नहीं बनाता। दलितों का मुक्तिधाम भी अलग है। इसके अलावा कई मुद्दों पर समाज का तिरस्कार किया जाता है।