पत्रिका से चर्चा में दिव्या गुप्ता ने बताया, जो चुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया था उसके मुताबिक 27 अक्टूबर तक सदस्यों को घर के पतों में संशोधन कराने का समय दिया गया था। शाम पांच बजे तक पतों में संशोधन के बाद बाहर के मतदाताओं की सूची उम्मीदवारों को दी जाना थी और उसके बाद यह बेलेट पोस्ट होना थे, लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को ताक पर रखकर 27 को ही बैलेट भेजे जा रहे हैं। हमने इसकी शिकायत की है।
ई-वोटिंग क्यों नहीं? दिव्या गुप्ता का कहना है, 5200 सदस्यों में से करीब 2300 सदस्य शहर से बाहर रहते हैं। इनमें से 250 सदस्य ऐसे हैं, जो देश से बाहर हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमरीका, कनाडा, सिंगापुर, मलेशिया सहित कई अन्य देशों में भी सदस्य हैं। इन्हें बैलेट भेजने में प्रति बैलेट करीब 7 से 8 हजार रुपए का खर्च आ रहा है। यह खर्च डेली कॉलेज को वहन करना होगा, हमारी मांग है कि क्यों नहीं अन्य संस्थाओं की तरह बाहर रहने वाले सदस्यों से ऑनलाइन वोटिंग कराई जाए। कूरियर की तुलना में आधे खर्च में ही उनके वोट डल जाएंगे और गोपनीयता भंग होने का भी खतरा नहीं होगा।