script6 महीने में पिता-पुत्र दोनों को हराने वाले भाजपा के पहले विधायक बने सांसद | Damor the big man, MP who became the first legislator of the BJP to de | Patrika News

6 महीने में पिता-पुत्र दोनों को हराने वाले भाजपा के पहले विधायक बने सांसद

locationइंदौरPublished: May 23, 2019 11:03:09 pm

-झाबुआ विधानसभा के बाद अब रतलाम संसदीय क्षेत्र को बनाया कांग्रेस मुक्त, 26 राउंड के बाद 90 हजार 939 मतों से जीतें,

abhishek verma

Photo- Ritesh Trivedi

रात 10 बजे तक डाकमत पत्र के आंकड़ों को जोडऩे का कार्य चल रहा था
– मोदी लहर पर सवार गुमानसिंह ने कांग्रेस का गढ़ ध्वस्त किया: 6 7 साल के इतिहास में रतलाम संसदीय सीट पर दूसरी बार जीती भाजपा
– 29 नवंबर 18 को हुए विधानसभा चुनाव में डॉ. विक्रांत भूरिया को हराया था
-लोकसभा चुनाव में पिता कांतिलाल भूरिया को पराजित किया
– अन्य सात प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई
सचिन बैरागी की रिपोर्ट
झाबुआ. गुरुवार को जनमत आ गया। भाजपा प्रत्याशी गुमानसिंह डामोर सांसद चुन लिए गए। वे पूरे संसदीय क्षेत्र के पहले ऐसे नेता हैजिन्होंने विधायक रहते हुए न केवल सांसद चुनाव लड़ा बल्कि 6 महीने के भीतर कांग्रेसी पिता-पुत्र की जोड़ी को हराया।विधानसभा चुनाव में गुमानसिंह ने कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ.विक्रांत भूरिया को हराया था।अब पिता को करारी शिकस्त देकर एक नया रिकॉर्डकायम किया। अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी वे वे यही नारा बोलते रहे- पहले पप्पू को हराया अब पिता की बारी है। देर शाम तक कुल 26 राउंड में गुमानसिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांगे्रेस के कांतिलाल भूरिया से 8 9 हजार 96 0 मतों से आगे थे। गुमानसिंह को 6 लाख 93 हजार 736 व कांतिलाल को 6 लाख 3 हजार 776 मत मिलें। रात 10 बजे तक डाक मतपत्रों के आंकड़े जोडऩे का काम चल रहा था। जिससे परिणाम में और बदलाव आएगा। अपनी जीत सुनिश्चित होने के बाद गुमानसिंह ने कहा उनकी पहली प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की रहेगी। गुरुवार को घोषित हुए रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट के चुनाव परिणाम ने राजनीति के पंडितों को भी हैरत में डाल दिया। 6 7 साल के चुनावी इतिहास में इस सीट पर दूसरी बार जीत का वरण करने वाली भाजपा को यह चुनाव लंबे समय तक याद रहेगा। जनता ने राष्ट्र और विकास के नाम पर कांग्रेस के पुराने किले के स्तंभ ढहाकर भाजपा के लिए नई नींव तैयार कर दी है। जो मोदी की सरकार में अपनी भागीदारी निभाएगी। जीत से भाजपा खेमा उत्साह से लबरेज है तो पराजय से कांग्रेस में उदासी का आलम। चुनाव लडऩे वाले अन्य सात प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
राउंडवार किसे कितने मत मिलें-
राउंड कांतिलाल भूरिया (कांग्रेस) गुमानसिंह डामोर (भाजपा)
1 236 6 5 36 711
2 25276 38 56 8
3 27256 3578 3
4 26 551 36 131
5 24339 35337
6 27457 35501
7 26 599 36 097
8 256 22 378 26
9 306 23 34518
10 30718 3098 2
11 27924 338 70
12 326 76 316 8 1
13 28 575 31453
14 32955 28 091
15 29029 32104
16 3136 5 318 05
17 318 12 28 06 3
18 29126 3526 7
19 216 6 0 2478 4
20 19435 15550
21 16 439 15001
22 136 6 2 126 38
23 11273 9135
24 4402 3023
25 3702 2998
26 18 71 1136
योग 6 03776 6 93736
(नोट: इसमें डाक मत पत्रों का आंकड़ा शामिल नहीं है।)
एंटी इनकंबेंसी का शिकार हुए कांतिलाल, गुमानसिंह को मिला जनता का साथ
झाबुआ. पांच बार सांसद रहे कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया इस बार एंटी इनकंबेंसी का शिकार हो गए। वहीं भाजपा के गुमानसिंह डामोर को मतदाताओं का भरपूर साथ मिला। जिसकी बदौलत भाजपा ने झाबुआ विधानसभा की तरह ही लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन दोहराया। विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में गुुमानसिंह ने 10437 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. विक्रांत भूरिया को हराया था।हालंाकि संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा में कांग्रेस के 5 विधायक होने से कांग्रेस नेता यही उ?मीद लगाए बैठे थें कि उनका नेता जीन दर्ज कर नया रिकॉर्ड बनाएगा, लेकिन ऐसा हो न सका।
कांग्रेस का गढ़ रही है रतलाम संसदीय सीट-
रतलाम संसदीय सीट हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रही है। 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने दिलीपसिंह भूरिया की बदौलत कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाकर 1 लाख से अधिक मतों के अंतर से यहां जीत हासिल की थी। इस बीच 24 जून 2015 को दिलीपसिंह का आकस्मिक निधन ने उप चुनाव की स्थिति निर्मित कर दी। उप चुनाव में कांतिलाल ने दोबारा वापसी की।
1952 से अब तक कौन कितने मतों के अंतर से जीता-
वर्ष सांसद दल किसे हराया जीत का अंतर
1952 अमरसिंह डामर सोशलिस्ट पार्टी प्रतापसिंह 13148
1957 अमरसिंह डामर कांग्रेस नाथुसिंह 41596
196 2 जमुनादेवी कांग्रेस गट्टूसिंह 2238 4
196 7 सुरसिंह कांगे्रस सड़ी 38 38 5
1971 भागीरथ भंवर सोशलिस्ट पार्टी सुरसिंह 6 2557
1977 भागीरथ भंवर भारतीय लोकदल दिलीपसिंह भूरिया 6 26 72
198 0 दिलीपसिंह भूरिया कांगे्रस जमुनादेवी 90136
198 4 दिलीपसिंह भूरिया कांग्रेस भगवानसिंह चौहान 134532
198 9 दिलीपसिंह भूरिया कांग्रेस भगवानसिंह चौहान 116 958
1991 दिलीपसिंह भूरिया कांग्रेस रेलम चौहान 134402
1996 दिलीपसिंह भूरिया कांग्रेस भागीरथ भंवर 278 99
1998 कांतिलाल भूरिया कांग्रेस दिलीपसिंह भूरिया 8 2373
1999 कांतिलाल भूरिया कांग्रेस दिलीपसिंह भूरिया 149377
2004 कांतिलाल भूरिया कांग्रेस रेलम चौहान 8 028 2
2009 कांतिलाल भूरिया कांग्रेस दिलीपसिंह भूरिया 576 6 8
2014 दिलीपसिंह भूरिया भाजपा कांतिलाल भूरिया 108 457
2015 कांतिलाल भूरिया कांग्रेस निर्मला भूरिया 8 8 8 32
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