दरअसल इस सरकारी समारोह में उमिया पाटीदार स्कूल के दर्जनभर विद्यार्थियों ने यातायात और परिवहन विभाग के नियमों को अंगूठा दिखाते हुए वाहन दौड़ाए, स्कूटर पर कलाबाजी की। गणतंत्र दिवस इस सरकारी आयोजन में उच्च शिक्षा और खेल एवं कल्याण मंत्री जीतू पटवारी, कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा सहित जिले के कई अफसर मौजूद थे।
एक स्कूटर पर चार-पांच विद्यार्थी सुबह करीब 10 बजे उमिया पाटीदार स्कूल के 11वीं और 12वीं के दर्जनभर से अधिक विद्यार्थी एक साथ मैदान में आए। चार छात्राओं के पास स्कूटर थे। जिस तरह हमारे सैनिक बाइक पर स्टंट करते हैं, उस तरह से एक-एक स्कूटर पर चार-चार विद्यार्थी चढ़ गए। कोई किसी के कंधे पर सवार था तो किसी ने सीट पर पैर रखे हुए थे। एक के बाद एक करतब होने लगे। मंच पर बैठे उच्च शिक्षा मंत्री से लेकर प्रशासनिक अफसरों ने इन बच्चों का ताली बजाकर उत्साहवर्धन किया, लेकिन उनका ध्यान परिवहन विभाग के नियम टूटने की ओर नहीं गया। इनके पास न तो लाइसेंस थे, हेलमेट भी इनमें से दो-तीन लड़कियों ने ही लगाए थे।
देखादेखी, नियमों की अनदेखी विद्यार्थियों ने सेना के जवानों की तरह स्टंट तो तैयार किया, लेकिन इन बच्चों को स्कूल के शिक्षकों या जिसने भी इस स्टंट की तैयारी करवाई, उन्होंने इनकी सुरक्षा की ओर ध्यान नहीं दिया। सैनिक बाइक पर स्टंट करते हैं तो वे उच्च क्वालिटी का हेलमेट पहने होते हैं और मौके पर ही सुरक्षा के अन्य इंतजामात भी होते हैं ताकि कुछ भी हादसा होने पर तुरंत इलाज मिल सके, लेकिन स्टेडियम में ऐसा नजर नहीं आया। वाहनों पर अलग-अलग कलाबाजी कर रहे इन विद्यार्थियों का अगर जरा सा भी बैलेंस बिगड़ जाता तो हादसा तय था।
मुझे नहीं मालूम उमिया पाटीदार स्कूल की प्राचार्य बबीता हार्डिया ने बताया कि हमारे यहां से 10 से 12 विद्यार्थियों ने बाइक स्टंट में हिस्सा लिया था। 10 दिन इसकी तैयारी भी की गई थी। इस इवेंट के लिए सरकार की ओर से कहा गया था। बच्चों के लाइसेंस हैं या नहीं, मुझे मालूम नहीं है।
यह है नियम आरटीओ जितेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि 50 सीसी तक दो पहिया वाहन के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। इससे अधिक सीसी के वाहन पर लाइसेंस होना जरूरी है और लाइसेंस बनवाने के लिए 18 वर्ष की आयु अनिवार्य है।