फॉर्म भरा तो बाजार में बिक जाएगा डाटा अफसर बताते है कि इस समय हर कोई जानकारी बेचने का काम कर रहा है। किसी ऑनलाइन वेबसाइट पर नौकरी के लिए बायोडाटा दिया, शादी के संबंधित वेबसाइट पर जानकारी दी तो अगले पल आपकी पूरी जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी। किसी माल में घूमते हुए फॉर्म भरना, हालीडे कंपनी का फॉर्म भरना, यहां तक कि किसी इनाम की संभावना के चलते भी जानकारी दी तो वह बाजार में बिक जाएगी। किसी परीक्षा के लिए फॉर्म भरा तो वह डाटा कोचिंग क्लास व निजी कॉलेज संचालक खरीद लेते है। शुरुआत में तो आपकी जानकारी (डाटा) 12 से 14 पैसे में बिकता है। जितना आगे बढ़ता है, उतनी कीमत बढ़ जाती है। हाल में अमरीकियों को ठगने के मामले में पकड़ाए कॉल सेंटर को एक व्यक्ति की जानकारी 14 रुपए में मिलती थी।
इंटरनेट पर बेच रहे ‘डाटा वाला’ साइबर सेल के अफसर बताते हैं कि डार्ट नेट पर कई ग्रुप बने हुए हैं। यहां डाटा वाला, डाटा संग्रह, डाटा खरीदोगे, डाटा ब्रोकर, इन्फॉर्मेशन ब्रोकर, डाटा वेंडर नाम से ग्रुप बने हैं। डार्क नेट पर जैसे लोगों के क्रेडिट कार्ड नंबर की बिक्री होती है, वहीं बल्क में डाटा भी बेचा जाता है। हमारे देश में डाटा बेचने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है, इसलिए बिक्री खुलेआम हो रही है।
अलग-अलग श्रेणी का डाटा भी उपलब्ध – 10 से 12 हजार में एक लाख लोगों का डाटा आसानी से मिल जाता है।
– बड़ी कमाई वाले लोगों का डाटा
– वेतनभोगी का डाटा
– क्रेडिट-डेबिट कार्ड ऑनर का डाटा
– लक्झरी व सामान्य कार मालिक का डाटा
– रिटायर्ड अफसर का डाटा
– बड़ी कमाई वाले लोगों का डाटा
– वेतनभोगी का डाटा
– क्रेडिट-डेबिट कार्ड ऑनर का डाटा
– लक्झरी व सामान्य कार मालिक का डाटा
– रिटायर्ड अफसर का डाटा
जल्द आ रहा प्रोटेक्शन बिल पुलिस व अन्य जांच एजेंसियों ने डाटा बाजार में बेचने जाने पर आपत्ति जताते हुए गृह मंत्रालय को लगातार रिपोर्ट भेजीं। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी डाटा बेचने के खतरे को भांपते हुए पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल तैयार किया है, जिसे संसद से पास कराकर लागू करने की तैयारी है।
डाटा चोरी पर है नजर साइबर एसपी जितेंद्रसिंह ने कहा, व्यक्तिगत व व्यावसायिक डाटा के दुरुपयोग को लेकर कई शिकायतें मिली है। कुछ पर कार्रवाई भी हुई है। डाटा चोरी पर हमारी नजर है, जिसके आधार पर कुछ मामलों में जांच चल रही है।