तीन साल से वहशी पिता द्वारा बलात्कार का दंश झेल रही बाणगंगा क्षेत्र निवासी 20 वर्षीय युवती के मुंह से यह बात सुन भले ही कलेजा मुंह तक आ गया हो, लेकिन उसके हौंसले की दाद भी देनी होगी। पीडि़त युवती ने बताया, ‘वह तीन साल की थी, जब अच्छी पढ़ाई की मंशा से पिता उसे इंदौर लेकर आए। तीन साल तक पिता के साथ अकेले रही। और पिता ने ही पूरा ध्यान रखा। बिना बताए खेलने चले जाने पर डांटते और मारते थे। बचपन से ही उनकी पिटाई से डरती थी। इस दौरान कभी पिता की नजर गलत नहीं थी, उल्टा वह खराब लोगों से बचकर रहने की सलाह देते। तीन साल बाद मां को वह गांव से लाए। जब वह 8वीं में पहुंची तो परीक्षा के समय पिता ने पहली बार बलात्कार किया। वह कुछ समझ ही नहीं पाई। इसके बाद लगातार सिलसिला चलता रहा। इसके पहले दो साल तक पिता उसके साथ छेड़छाड़ करते। जब मौका मिलता, छूने की कोशिश करते। तब पिता व मां की शिफ्ट एक ही थी। तीन साल पहले जब पिता की नाइट शिफ्ट हुई तो उन्होंने बलात्कार करना शुरू कर दिया। इन तीन साल के दौरान भी वे गलत लोगों से दूर रहने व अच्छी पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे। उनसे जब हरकत बंद करने को कहा, तो बोले मुझे बीमारी है। अगर मैं ये सब नहीं करुंगा तो ठीक नहीं रहूंगा। पिता की बात नहीं मारने पर वे गला दबाते, बाल खींचते, पैर व हाथ पर लात से मारते।’