दीक्षांत के बाद कराने की तैयारी
डीईटी में हो रही देरी की बड़ी वजह कोरोना संक्रमण को भी माना जा रहा है। दरअसल, डीईटी सिर्फ ऑफलाइन प्रणाली से ही कराई जानी है। इसमें देशभर के शहरों के उम्मीदवार दावेदारी करते हैं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन के अनुसार फरवरी में कोविड का पीक खत्म होने के बाद मार्च में डीईटी कराई जा सकती है। दीक्षांत की तिथि भी डीईटी को प्रभावित करेगी। दीक्षांत समारोह ४ मार्च को प्रस्तावित है।
डीईटी में हो रही देरी की बड़ी वजह कोरोना संक्रमण को भी माना जा रहा है। दरअसल, डीईटी सिर्फ ऑफलाइन प्रणाली से ही कराई जानी है। इसमें देशभर के शहरों के उम्मीदवार दावेदारी करते हैं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन के अनुसार फरवरी में कोविड का पीक खत्म होने के बाद मार्च में डीईटी कराई जा सकती है। दीक्षांत की तिथि भी डीईटी को प्रभावित करेगी। दीक्षांत समारोह ४ मार्च को प्रस्तावित है।
कोरोना संक्रमण के कारण लगातार दो साल डीईटी नहीं हो सकी है। हमारी कोशिश है कि दीक्षांत समारोह के तुरंत बाद ये परीक्षा करा ली जाए। अब तक पीएचडी की करीब 100 सीट रिक्त है। परीक्षा तक ये संख्या और बढ़ सकती है।
– प्रो. अभय कुमार, पीएचडी सेल प्रभारी
– प्रो. अभय कुमार, पीएचडी सेल प्रभारी