12 साल पहले हुई थी भर्ती, 200 और की जरुरत
मालूम हो, डीएवीवी में नियमित शिक्षकों की भर्ती 12 साल पहले हुई थी। इसके बाद जब भी भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई तो वह विवादों में उलझकर रह गई। बैकलॉग के 45 पदों के अलावा भी यूनिवर्सिटी के विभागों को २०० से अधिक नियमित शिक्षकों की जरूरत है।
मालूम हो, डीएवीवी में नियमित शिक्षकों की भर्ती 12 साल पहले हुई थी। इसके बाद जब भी भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई तो वह विवादों में उलझकर रह गई। बैकलॉग के 45 पदों के अलावा भी यूनिवर्सिटी के विभागों को २०० से अधिक नियमित शिक्षकों की जरूरत है।
दो शिक्षकों का हो चुका है निधन
2021 में ही 5 प्रोफेसर रिटायर हुए हैं जिनमें प्रो. पीएन मिश्रा, प्रो. एवी बजाज, प्रो. केएन राजेश्वरी, प्रो. शीला जोशी और प्रो. प्रतिमा सेन शामिल हंै। इनके अलावा इसी साल प्रो. निरंजन श्रीवास्तव और डॉ.ललित इंगले के निधन से भी शिक्षकों की कमी का आंकड़ा बढ़ गया। हालांकि, इसी दौरान यूनिवर्सिटी ने बैकलॉग के 45 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन बुलाए। माना जा रहा था कि अक्टूबर-नवंबर तक ये भर्तियां हो जाएंगी, लेकिन अब तक यूनिवर्सिटी प्रबंधन इनकी स्क्रूटनी ही नहीं करा सका है।
2021 में ही 5 प्रोफेसर रिटायर हुए हैं जिनमें प्रो. पीएन मिश्रा, प्रो. एवी बजाज, प्रो. केएन राजेश्वरी, प्रो. शीला जोशी और प्रो. प्रतिमा सेन शामिल हंै। इनके अलावा इसी साल प्रो. निरंजन श्रीवास्तव और डॉ.ललित इंगले के निधन से भी शिक्षकों की कमी का आंकड़ा बढ़ गया। हालांकि, इसी दौरान यूनिवर्सिटी ने बैकलॉग के 45 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन बुलाए। माना जा रहा था कि अक्टूबर-नवंबर तक ये भर्तियां हो जाएंगी, लेकिन अब तक यूनिवर्सिटी प्रबंधन इनकी स्क्रूटनी ही नहीं करा सका है।