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अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रही ए-प्लस ग्रेड यूनिवर्सिटी

locationइंदौरPublished: Jan 24, 2022 02:31:31 am

पिछले साल रिटायर हुए पांच प्रोफेसर : 45 पदों पर भर्ती के लिए नहीं हो सकी अब तक स्क्रूटनी

अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रही ए-प्लस ग्रेड यूनिवर्सिटी
इंदौर. विभागों में शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (डीएवीवी) के जिम्मेदार भर्ती की सुध नहीं ले रहे हैं। करीब ६ माह पहले बैकलॉग के ४५ पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन बुलाए गए थे, इतने समय में इन आवेदनों की स्क्रूटनी तक नहीं हो पाई है। कई विभागों में शिक्षक नहीं होने से वहां अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही पढ़ाई कराई जा रही है। बैकलॉग के पदों पर भर्ती के लिए शुक्रवार को विद्या परिषद की बैठक हुई। बैठक में इंटरव्यू कमेटी के सदस्यों के नाम प्रस्तावित किए गए। विद्या परिषद की बैठक में आवेदनों की स्क्रूटनी का काम जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए गए। कुलपति प्रो. रेणु जैन का कहना है कि समिति के लिए तीन नामों की पैनल राजभवन भेजी जाएगी। हमारी कोशिश है कि अगले माह ही आवेदकों के साक्षात्कार करा लिए जाएं।
मालूम हो, प्रदेश में पहली बार जब डीएवीवी को नैक से ए ग्रेड मिली थी, तब नैक की टीम ने शिक्षकों की कमी को लेकर सवाल किए तो जल्द भर्ती करने का आश्वासन दिया गया। ये कमी अगले दौरे तक दूर नहीं हुई। ए प्लस ग्रेड के दौरान भी यूनिवर्सिटी ने भर्ती प्रक्रिया का हवाला दिया था। इस बीच लगातार पुराने प्रोफेसर रिटायर होते जा रहे हैं।
12 साल पहले हुई थी भर्ती, 200 और की जरुरत
मालूम हो, डीएवीवी में नियमित शिक्षकों की भर्ती 12 साल पहले हुई थी। इसके बाद जब भी भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई तो वह विवादों में उलझकर रह गई। बैकलॉग के 45 पदों के अलावा भी यूनिवर्सिटी के विभागों को २०० से अधिक नियमित शिक्षकों की जरूरत है।
दो शिक्षकों का हो चुका है निधन
2021 में ही 5 प्रोफेसर रिटायर हुए हैं जिनमें प्रो. पीएन मिश्रा, प्रो. एवी बजाज, प्रो. केएन राजेश्वरी, प्रो. शीला जोशी और प्रो. प्रतिमा सेन शामिल हंै। इनके अलावा इसी साल प्रो. निरंजन श्रीवास्तव और डॉ.ललित इंगले के निधन से भी शिक्षकों की कमी का आंकड़ा बढ़ गया। हालांकि, इसी दौरान यूनिवर्सिटी ने बैकलॉग के 45 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन बुलाए। माना जा रहा था कि अक्टूबर-नवंबर तक ये भर्तियां हो जाएंगी, लेकिन अब तक यूनिवर्सिटी प्रबंधन इनकी स्क्रूटनी ही नहीं करा सका है।
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