कुछ परीक्षार्थियों का कहना था, मोबाइल का प्रचलन बढऩे से अब लोग हाथ घड़ी कम ही इस्तेमाल करते हैं। एेसे में केंद्रों पर दीवार घड़ी न होने से समय का प्रबंधन करना मुश्किल होता है।
must read : भारतीय रेलवे की अनोखी पहल : रेलवे कराएगा अब यात्रियों की चंपी और मसाज, इन ट्रेनों में होगी सुविधा परीक्षाओं में गोपनीयता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राजभवन ने सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। सालभर बाद भी कई कॉलेजों ने इसका पालन नहीं किया है। यूनिवर्सिटी ने कोशिश की थी कि बगैर सीसीटीवी कैमरे वाले कॉलेजों को परीक्षा केंद्र न बनाया जाए। लेकिन, अधिक संख्या में परीक्षार्थी होने से सभी कॉलेजों को केंद्र बनाना पड़ा है। हालांकि, यूनिवर्सिटी के उडऩदस्ते समय-समय पर केंद्रों पर दबिश मारकर नकलचियों की धरपकड़ कर रहे हैं। इसके अलावा केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षक भी अपने स्तर पर नकल रोकने के लिए प्रयासरत हैं। करीब तीन साल से यूनिवर्सिटी की किसी भी परीक्षा में सामूहिक नकल का प्रकरण सामने नहीं आया है। दरअसल, सामूहिक नकल पकड़ाने पर कॉलेज की संबद्धता खत्म करने का प्रावधान है।
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176 नकलची पकड़े यूनिवर्सिटी ने तीन महीने के दौरान
146 नकलचियों की एक विषय की परीक्षा की गई निरस्त
30 विद्यार्थियों के जवाब से यूएफएम कमेटी ने संतुष्ट होकर चेतावनी देकर छोड़ा
176 नकलची पकड़े यूनिवर्सिटी ने तीन महीने के दौरान
146 नकलचियों की एक विषय की परीक्षा की गई निरस्त
30 विद्यार्थियों के जवाब से यूएफएम कमेटी ने संतुष्ट होकर चेतावनी देकर छोड़ा
संवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी -परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए उडऩदस्ते केंद्रों पर दबिश देते हैं। संवेदनशील केंद्रों पर खास निगरानी रखी जाती है। तीन महीने में हुई परीक्षा में पकड़ाए नकलचियों में से 146 की एक विषय की परीक्षा निरस्त की है। कोशिश रहती है कि सीसीटीवी की निगरानी में ही परीक्षा कराई जाए।
– प्रो. नरेंद्र धाकड़,कुलपति, डीएवीवी
– प्रो. नरेंद्र धाकड़,कुलपति, डीएवीवी