इंदौर

दो कॉलेज सरेंडर कर रहे एमबीए, एक घटाएगा सीटें

कम एडमिशन के कारण खर्च निकालना भी हो रहा मुश्किल

इंदौरMar 06, 2018 / 03:40 pm

nidhi awasthi

MBA

इंदौर. मैनेजमेंट कॉलेजों में बेतहाशा सीट बढ़ोतरी और इसके लिहाज से छात्रों की कमी के चलते इस साल भी प्रदेश के कई कॉलेजों ने सीटें सरेंडर करने और कटौती के लिए एआईसीटीई को आवेदन दिया है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में से भी तीन कॉलेज भी कतार में हैं।
स्कॉलरशिप के भरोसे एडमिशन देने के बावजूद मैनेजमेंट कॉलेजों में सीटें नहीं भरा रहीं। लगातार हो रहे आर्थिक नुकसान से अब कॉलेज प्रबंधन के सामने संचालन का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। डीसीडीसी डॉ. सुमंत कटियाल ने बताया, रॉयल कॉलेज व इम्पीरियल एकेडमी सत्र २०१८-१९ से ही एमबीए कोर्स बंद करना चाहते है। जबकि गोविंदराम सेकसरिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने १८० में से ६० सीटें सरेंडर करने का आवेदन दिया है। स्टैंडिंग कमेटी के बाद कार्यपरिषद की मंजूरी मिलने पर ही सीटें सरेंडर की जा सकती है।
बैठक में रखेंगे प्रस्ताव
कॉलेजों ने एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) को गुहार लगाई थी, लेकिन एआईसीटीई ने संबंधित यूनिवर्सिटी से एनओसी लाने की बात कहते हुए फिलहाल सीटें कम नहीं कीं। इसके बाद कॉलेजों ने यूनिवर्सिटी को आवेदन दिया है। अगली स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में ये प्रस्ताव रखे जाएंगे।
कॉलेज नहीं ला पाए मान्यता, एलएलबी परीक्षाएं टलेगी
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की अगले मंगलवार से होने वाली एलएलबी (ऑनर्स) फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षा टलने के आसार बन गए है। कोर्स संचालित कर रहे कॉलेजों में से ज्यादातर कॉलेज अब तक बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता का सर्टिफिकेट नहीं दे पाए है। एलएलबी पहले सेमेस्टर की परीक्षा दिसंबर-जनवरी में ही कराई जाना थी। परीक्षा विभाग ने यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक विभाग से कई बार बीसीआई से मान्यता लाने वाले कॉलेजों की सूची मांगी। लंबे इंतजार के बावजूद सूची नहीं मिलने पर पिछले सप्ताह १३ मार्च से फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षा की घोषणा कर दी गई। यूनिवर्सिटी ने फैसला लिया है कि अगर दो दिनों के भीतर कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलती तो ये परीक्षाएं आगे बढ़ा दी जाएगी।
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