उच्च शिक्षा विभाग ने 2008 में वार्षिक प्रणाली खत्म कर सेमेस्टर सिस्टम लागू किया था। तीन साल पहले फिर से वार्षिक सिस्टम लागू हो गया। अगले सत्र से एक बार फिर सेमेस्टर शुरू करने की तैयारी की जा रही है। यूनिवर्सिटी में लगातार पहले के ऐसे छात्र परीक्षा में बैठने की अनुमति लेने पहुंचते है जिनकी पढ़ाई अधूरी छूट गई। स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने से अफसर भी इन प्रकरणों में फैसला नहीं ले पाते। डीन की बैठक में सेमेस्टर और वार्षिक प्रणाली के तहत रजिस्टर्ड ऐसे छात्रों को लेकर चर्चा हुई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब से सेमेस्टर सिस्टम लागू हुआ है तब से अब तक के सभी छात्रों को पढ़ाई पूरी करने का अतिरिक्त मौका दिया जाएगा। बीए और बीकॉम के छात्र प्राइवेट फॉर्म भरेंगे। जबकि बीएससी सहित अन्य ऐसे कोर्स जिनकी प्राइवेट परीक्षा नहीं होती है उन्हें कॉलेज से ही फॉर्म भरने का मौका दिया जाएगा। परीक्षा विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्वल खरे ने बताया, सेमेस्टर सिस्टम में तीन वर्षीय यूजी कोर्स के लिए अधिकतम समयसीमा 5 साल और कुलपति की अनुमति से एक साल अतिरिक्त मौका मिलता था। इसे ही आधार बनाकर 2008 और इसके बाद पढ़ाई छोडऩे वालों को पढ़ाई पूरी करने का मौका देने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले के छात्रों को अब कोई अवसर नहीं मिलेगा।