वारदात 23 सितंबर 2022 की सुबह करीब 11.30 बजे की है। बालिका की मां का निधन हो चुका था, पिता भी अलग रहते थे। बालिका नानी के घर रहती थी। फुफेरे भाई के साथ खेल रही बालिका को सद्दाम ने उठाया और अपने घर ले जाने लगा। बच्ची ने शोर मचाया। भाई ने भी नानी को जानकारी दी। नानी व अन्य लोग सद्दाम के घर गए। सद्दाम ने दरवाजा बंद कर लिया। खिड़की से लोगों ने देखा तो सद्दाम ने लोगों के सामने ही बच्ची को गोद में बैठाकर चाकू से कई वार किए और बाहर आकर लोगों को धमकाया। बालिका को अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। आजाद नगर टीआइ इंद्रेश त्रिपाठी, एसआइ अनिल गौतम की टीम नेे सद्दाम उर्फ वाहिद पिता रशीद को गिरफ्तार किया था। पुलिस कमिश्नर हरिनारयाणाचारी मिश्र के मुताबिक, इस केस में अनुसंधान करने वाली आजादनगर थाने की टीम को पुरस्कृत किया जाएगा। अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव एवं विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर ने की।
कोर्ट ने टिप्पणी में यह भी कहा कि यह कृत्य बालिका के परिवार ही नहीं, बल्कि समाज के विरुद्ध किया गया अपराध है। ऐसे अपराध की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए मुत्युदंड देना न्यायोचित होगा।
डीपीओ संजीव श्रीवास्तव के मुताबिक, केस में 23 लोगों के बयान हुए। 30 गवाह थे। बालिका के शरीर पर 29 घाव मिले थे। 12 साल के भाई और सभी गवाहों ने वारदात की पुष्टि की। सीसीटीवी फुटेज में भी सद्दाम बालिका को उठाकर ले जाता दिख रहा था। जब्त चाकू पर उसकी अंगुलियों के निशान मिले। डीएनए रिपोर्ट भी मैच हुई। सुशीला राठौर के मुताबिक, सद्दाम की मानसिक स्थिति खराब की जानकारी कोर्ट में दी गई। हालांकि डॉक्टर ने गवाही में बताया कि 2 साल पहले ठीक होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया था। कोर्ट ने परीक्षण कराया, जिसमें वह स्वस्थ निकला। डीपीओ के मुताबिक, अभियोजन ने पक्ष रखा कि सद्दाम गलत नीयत से बालिका को ले गया था। सफल नहीं होने पर मार डाला।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह बर्बर मानसिकता का परिचायक है। इसमें पाश्विक प्रवृत्ति झलकती है। ऐसे व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार नहीं होना चाहिए। छोटी बालिकाओं के साथ ऐसे अपराधों में हो रही बढ़ोतरी पर रोकथाम के लिए कठोरतम दंड जरूरी है, ताकि अपराध करने वालों में भय व्याप्त हो। जघन्य व बर्बर अपराध से समाज की अंतरात्मा को चोट पहुंची है।
29 सितंबर 2022 की सुबह करीब 11.30 बजे वारदात।
11 अक्टूबर 2022 को चालान पेश।
21 नवंबर 2022 से साक्ष्य प्रारंभ।
28 जनवरी को निर्णय सुरक्षित।
06 फरवरी को दिया मृत्युदंड का फैसला।