1 और 2 दिसंबर 2019 की दरमियानी रात की घटना पर कोर्ट ने 85वे दिन में फैसला सुनाया। सजा सुनाए जाने के समय अंकित कोर्ट में मौजूद था, फैसला सुनते ही उसके चेहरे की हवाईयां उड़ गईं और नजरें झुकाएं खड़ा रहा। इंदौर जिला कोर्ट में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश वर्षा शर्मा ने २९ गवाहों के बयान, घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज डीएनए टेस्ट रिपोर्ट, घटन स्थल से बरामद आरोपी की बाली और ९३ दस्तावेजों के परिक्षण के आधार पर फैसला सुनाया है। 6 हजार रुपए का अर्थदंड भी किया गया है।
इन धाराओं में सुनाई सजा सडक़ पर सो रही बच्ची को ले गया था उठाकर जिला लोक अभियोजन अधिकार मोहम्मद अकरम शेख ने बताया एक और दो दिसंबर की दरमियानी रात। पीडि़त बच्ची महू सांई मंदिर के सामने सडक़ किनारे अपने माता -पिता के साथ सो रही थी। देर रात आरोपी अंकित पिता कमल विजयवर्गीय (28) बच्ची को उठाकर ले गया था। पास के ही बंगला १२२ के सामने खंडहर नुमान घर में ले जाकर उसने पहले बच्ची के साथ बलात्कार किया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी थी। सुबह जब बच्ची नहीं मिली तो माता-पिता पहले प्रशांति अस्पताल पहुंचे थे और बाद में उन्हें सूचना मिली तो वह घटना स्थल पहुंचे थे। इसी दिन महू पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य जांच के बाद पुलिस ने अगले ही दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
सीसीटीवी फुटेज से पकड़ाया घटना के बाद गठित एसआईटी ने क्षेत्र में लगे चार अलग-अलग क्षेत्रों के सीसीटीवी कैमरों के फुटजे का बारिकी से निरिक्षण किया। जिसमें एक दिसंबर की रात करीब १.३० बजे आरोपी काली जैकेट, ब्लू जिंस और सफेद जूते पहने टहलता दिखाई दिया। एक अन्य कैमरे में वह बच्ची को लेकर भागता दिखाई दे रहा था। पुलिस ने फुटेज दिखा क्षेत्र के लोगों से पूछताछ की आरोपी तक पहुंच गई थी। घटना स्थल पर बच्ची की लाश के पास एक सफेद रंग की कान की बाली मिली थी, जब पुलिस ने अंकित को पकड़ा तो उसके एक कान में वैसी ही बाली पहनी थी। पुलिस ने डीएनए टेस्ट रिपोर्ट भी पेश की थी। जो सजा के मजबूत आधारों में शामिल हुई।
हैवान की भी डेढ़ वर्ष की बेटी महज चार वर्ष का मासूम से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले अंतिम की भी महज डेढ़ महीने की बेटी है। सजा सुनाने से पहले उसकी ओर से कोर्ट में गुजारिश की गई और इस आधार पर सजा में राहत देने की मांग की, लेनिक कोर्ट ने अपराध को विरल से विरलतम मानते हुए मृत्युदंड सुनाया है।
तीन साल में तीसरी फांसी इंदौर जिला कोर्ट में तीन साल में मासूमों से बलात्कार और हत्या के मामले में फांसी की तीसरी सजा सुनाई है। इससे पहले 2018 में सराफा थाने से जुड़े महज चार माह की बच्ची की हत्या करने वाले को फांसी की सजा दी गई थी, जबकि 2019 में द्वारकापुरी थाने में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के आरोपी को मौत की सजा सुनाी गई थी। हालंकि फिलहाल इन दोनों की अपील विचाराधीन है और दोनों को फांसी नहीं दी गई है। सोमवार को महू के केस में फांसी की सजा दी गई। खास बात यह है कि इस तीनों केसों में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजक मोहम्मद अकरम शेख ने पैरवी की।