डीसीबीएस में यूके की डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तीन वर्षीय बैचलर इन मैनेजमेंट कोर्स पढ़ाया जाता है। इसमें तीसरे साल की पढ़ाई यूके में जाकर पूरी करने का विकल्प मिलता है। बीते वर्षों में एआईयू (एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज) ने डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी को मान्यता सूची से बाहर कर दिया। इससे बैचलर इन मैनेजमेंट कोर्स करने वालों को स्थानीय यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से एमबीए या कोई भी अन्य पीजी कोर्स करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। कुछ विद्यार्थियों ने कोर्ट जाकर राहत हासिल की। इसके बाद से डीसीबीएस लगातार देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के संपर्क में था। लेकिन, यूनिवर्सिटी ने नियमों का हवाला देकर स्पष्ट कर दिया कि पीजी कोर्स में तभी एडमिशन दिए जा सकते है जब यूजी कोर्स किसी एआईयू से मान्य यूनिवर्सिटी से किया जाएं। माना जा रहा है कि बीच का रास्ता नहीं निकल पाने के बाद अब डीएवीवी से ही संबद्धता लेकर बीबीए कोर्स चलाने का निर्णय लिया है। इसके साथ पूर्व में संचालित बैचलर इन मैनेजमेंट भी जारी रहेगा। डीसीबीएस के प्रवक्ता महेश रसाल के अनुसार दोनों कोर्स की क्लास भी अलग-अलग बिल्डिंग में लगेगी।
यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव हुआ खारिज स्थानीय यूनिवर्सिटी से संबद्धता हासिल करने के बजाय डेली कॉलेज ने अपनी यूनिवर्सिटी शुरू करने की भी कोशिश की थी। यूनिवर्सिटी बनने पर डेली कॉलेज को ही डिग्री जारी करने का अधिकार मिल जाता। २०१५ में निजी यूनिवर्सिटी के लिए प्रस्ताव तैयार भी कराया गया। लेकिन, यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन) ने प्रस्ताव खारिज कर दिया।
बैचलर इन मैनेजमेंट की बहुत डिमांड है। इसे एआईसीटीई से भी मंजूरी मिली हुई है। तीन वर्षीय बीबीए अलग से शुरू कराया जा रहा है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्ध इस कोर्स में पहले साल ६० सीट रहेगी।
– डॉ.रिंकू जोशी, डीसीबीएस