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बदमाशों को हौंसले बुलंद, डीसीपी के नाम पर मांग लिए 8 लाख

locationइंदौरPublished: May 24, 2022 12:42:52 pm

हाई टैक बदमाश: स्कूप कॉलिंग का इस्तेमाल कर रहे आरोपी

बदमाशों को हौंसले बुलंद, डीसीपी के नाम पर मांग लिए 8 लाख

बदमाशों को हौंसले बुलंद, डीसीपी के नाम पर मांग लिए 8 लाख

इंदौर. नौकरी के नाम पर इंजीनियर से 12 लाख ठगने वाले ने इंदौर पुलिस कमिश्नरेट को चुनौती दे दी है। 12 लाख ठगने के बाद इंजीनियर से दिल्ली के बदमाशों ने डीसीपी पुलिस के नाम से कॉल कर वेरिफिकेशन के नाम पर 8 लाख रुपए मांग लिए। पुलिस के नाम से लाखों मांगने पर अफसर गंभीर है और आरोपियों की तलाश में एक टीम ने दिल्ली में डेरा डाल लिया है।
क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के नेहरू पैलेस निवासी राहुल राजपूत, सूर्यप्रतापसिंह व रितिका के खिलाफ इंजीनियर तरुण सायक की शिकायत पर केस दर्ज किया है। पीडि़त 2-3 साल पहले दिल्ली में नौकरी कर रहा था जहां वह आरोपियो के संपर्क में आया। फरियादी ने विदेश में नौकरी की मंशा जाहिर की तो आरोपियों ने न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। बाद में तय हुआ कि बड़े पैकेज में कनाडा में नौकरी दिला देंगे। नौकरी दिलाने, वर्क वीजा आदि के नाम पर रुपए मांगे। दिल्ली, बैंगलुरू से प्रक्रिया के नाम पर 12 लाख 44 हजार वसूल लिए।
फरियादी ने जल्द नौकरी के लिए दबाव बनाया तो आरोपी बोले, नौकरी की प्रक्रिया हो गई है, पुलिस वेरिफिकेशन की रिपोर्ट आते ही विदेश चले जाना। इस बीच फरियादी के मोबाइल पर कॉल आता है। फोन पर लिखा होता है, डीसीपी इंटेलीजेंस इंदौर पुलिस। कॉल करने वाला कहता है, विदेश जाना है, वेरिफिकेशन अपने पक्ष में करना है तो 8 लाख लगेंगे। आरोपियों ने भी बोला कि आठ लाख देने पर ही पुलिस वेरिफिकेशन होगा। फरियादी पक्ष इस पर सीधे डीसीपी इंटेलीजेंस रजत सकलेचा के पास ही पहुंच गया। उनके नाम से 8 लाख मांगने की बात आने की जानकारी सकलेचा ने कमिश्नर व अन्य अधिकारियों की दी जिसके बाद तुरंत केस दर्ज कर पुलिस टीम दिल्ली गई। आरोपियों का ठिकाना नहीं मिला, डेरा डालकर तलाश की जा रही।
डीसीपी के नाम से 8 लाख मांगने का जोड….
स्कूप कॉलिंग बना खतरनाक अधिकार, तत्काल फर्जीवाड़ा नहीं आता सामने.
इस मामले में मोबाइल ऐप्लीकेशन के जरिए स्कूप कॉलिंग की गई। वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल से यह कॉलिंग होती है। नंबर कोई भी हो लेकिन नाम व नंबर बदल जाता है। इंटरनेट पर कई ऐप्लीकेशन से यह कालिंग हो जाती है। तत्काल इस फर्जीवाडे को पकड़ा नहीं जा सकता हैै। मोबाइल की कॉल डिटेल निकालने में पता चलता है कि यह कॉलिंग संबंधित ने नहीं वरन दूसरे ने की है। कॉलिंग करने वाले की लोकेशन के आधार पर तकनीकी जांच से उसके पास तक पहुंचा जा सकता है।
चातक वाजपेयी, साइबर एक्सपर्ट।
क्राइम ब्रांच ने इंजीनियर तरुण सायक की शिकायत पर राहुल राजपूत निवासी नेहरू पैलेस नई दिल्ली, सूर्यप्रतापसिंह व रितिका के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। फरियादी तरुण इंजीनियर है। उसे विदेश में नौकरी की तलाश थी। 2019 में ऑनलाइन आरोपियों की कंपनी से संपर्क हुआ तो उन्होंने नौकरी दिलाने का वादा किया। बाद मेें कनाड़ा मेें नौकरी की बात हुई और धीरे-धीरे कर अलग अलग कारण बताकर करीब 12 लाख 44 हजार रुपए ले लिए। फरियादी को आरोपियों ने न ही जॉब वीजा दिलाया और न ही रुपए ही लौटा रहे। साइबर टीम जांच करते हुए आरोपियों की कंपनी तो पहुंची तो पता चला कि आरोपी कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुके है। एक को हिरासत में लिया है लेकिन अधिकारी पुष्टि नहीं कर रहे।
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