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डेंटिस्टों के बीच एसीएस बोले: निजी कॉलेज से निकलने वाले बच्चों नहीं आता काम

locationइंदौरPublished: Jan 19, 2019 08:50:24 pm

इंडियन डेंटल कांफे्रंस का दूसरा दिन

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julaniya at indore

इंदौर. चिकिस्ता शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन के बाद से अपने ही विभाग की कमियां उजागर करने से नहीं चूक रहे हैं। इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) की राष्ट्रीय कांफे्रंस में शामिल होने पहुंचे जुलानिया ने कहा, प्रदेश में डेंटल कॉलेज ज्यादा हैं, इसलिए डेन्टिस्ट भी बहुत हैं। यह प्राइवेट कॉलेज कैसे डेन्टिस्ट बना रहे ये हम सब देख रहे हैं, हमे क्वांटिटी में डेन्टिस्ट मिल रहे है क्वालिटी में नहीं। ऐसे कॉलेज बंद होने चाहिए और बच्चों के परिजनों को भी समझना चाहिए कि वे इस तरह के कॉलेज में बच्चों को भेज क्यों रहे है।
वे शनिवार को 72वीं इंडियन डेंटल कॉन्फे्रंस में ब्रिलियंट कंवेंशन सेंटर पहुंचे थे। उन्होंने प्राइवेट कॉलेजों पर कहा, वे जिस तरह की शिक्षा परोस रहे उसे बच्चों का समय और पेरेंट्स का पैसा बर्बाद हो रहा है। उन्होंने ब्रिज कोर्स के बारे में कहा, इसकी जरूरत तो है, लेकिन यह केन्द्र के अंतर्गत आता है, इसलिए फैसला भी भारत सरकार द्वारा ही हो सकता है। कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन 70 साइंटिफिक सेशन हुए और देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। सिंगर पावनी पांडेय ने इस दौरान रंगारंग प्रस्तुति दी। कांफे्रंस ऑर्गनइजिंग चैयरमेन डॉ. देशराज जैन ने कहा, आयोजन से से पूरे प्रदेश को फायदा मिला है। कई स्टूडेंट्स को बीडीएस के बाद अलग-अलग फील्ड में जाने के लिए अनुभव मिला है। ऑर्गनइजिंग सेक्रेटरी डॉ. मनीष वर्मा ने कहा, अंर्तराष्ट्रीय स्तर का काम यहां देखने और सीखने का मौका मिला। 20 इनटरनेशनल फेकल्टी से एक मंच रक मिलना मतलब अगले 5 सालो तक के तैयारी होने जैसा है। टीम में डॉ पल्लव पाटनी, डॉ सुमीत जैन, डॉ गगन जैसवाल आदि का विशेष सहयोग रहा।
चेहरे को खूबसूरत बनाने के साथ डिंपल प्लॉस्टी का चलन बढ़ा
नागपुर के डेंटल सर्जन डॉ. रामकृष्ण शेनॉय ने बताया, डेंटल सर्जरी दांतों के विकारों और उपचार के साथ चेहरे को सुंदर बनाने के लिए चलन में आ चुकी है। आजकल ङ्क्षडपल प्लॉस्टी का चलन भी काफी बढ़ गया है। लोग चेहरे पर डिंपल होना खूबसुरती का हिस्सा मानते हैं। फेशियल सर्जरी और झुर्रियां हटाने का इलाज भी सर्जन करने लगे हैं। बेंगलुरु से आए डॉ. विक्रम शेट्टी री-स्ट्रक्चर फेशियल सर्जरी एक्सपर्ट हैं, उन्होंने बताया चेहरे की खूबसूरती का नाता रंग से नहीं होता। मेरे पास आने वाले मरीजों में 60 फीसदी चेहरे को सुंदर बनाने के साथ-साथ गोरा होने के बारे में भी कहते हैं, हमें उन्हें समझाना पड़ता है कि एक बार चेहरा खूबसूरत हो जाएगा तो आपको गोरे रंग की जरूरत नहीं पड़ेगी और ऐसा होता भी है। हम चेहरे के प्रपोरशन को नापते हुए चेहरे को सही अनुपात आकार देते हैं चेहरे को सुंदर बनाने के लिए जबड़े दांत, गाल, नाक, थोड़ी आदि की सर्जरी की जाती है।
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