सूर्य और बुद्ध के मिलने पर बुद्धादित्य से सिद्ध योग आचार्य रामचंद्र शर्मा ‘वैदिक’ ने बताया, इस दौरान सूर्य और बुद्ध के मिलने पर बुद्धादित्य से सिद्ध योग बन रहा है। पुष्य नक्षत्र शुभदा का प्रतीक है। साथ ही स्थिरता प्रदान करता है, इसलिए इस दौरान की गई खरीदी शुभ मानी जाती है।
धनतेरस पर 6 शुभ योग रहेंगे 17 अक्टूबर को धनतेरस का पूरा दिन सूर्योदय से देर रात तक मंगलकारी रहेगा, जिससे शुभ कार्य और खरीदारी लाभदायी व समृद्धकारी रहेगी। लाभ के दो योग बनने से ज्वेलरी, बर्तन व इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं। पं. रामचंद्र शर्मा ‘वैदिक’ के अनुसार धनतेरस पर 6 शुभ योग रहेंगे। इस दिन नए व्यापारिक अनुबंध व खरीदी समृद्धदायी रहेगी। सभी योग विशेष संयोग के कारण बनते हैं। शुभ योग नहीं बनने पर चौघडिय़ा काम में लेते हैं, जो 1.30 घंटे का होता है। इस दौरान राहुकाल का त्याग करना चाहिए।
धनतेरस के मुहूर्त
सुबह 9.18 से 10.45 बजे तक चंचल
सुबह 10.45 से 12.12 बजे तक लाभ
दोपहर 12.12 से 1.40 बजे तक अमृत
शाम 7.35 से 9.04 बजे तक लाभ
रात 10.40 से 12.11 बजे तक शुभ लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त
सुबह 6.25 से 7.42 बजे तक शुभ
सुबह 10.45 से 12.10 बजे तक चंचल
दोपहर 12.10 से 1.37 बजे तक लाभ
शाम 4.30 से 5.57 बजे तक शुभ
शाम 7.30 से 9.05 बजे तक चंचल
रात 12.11 से 1.45 तक लाभ
सुबह 9.18 से 10.45 बजे तक चंचल
सुबह 10.45 से 12.12 बजे तक लाभ
दोपहर 12.12 से 1.40 बजे तक अमृत
शाम 7.35 से 9.04 बजे तक लाभ
रात 10.40 से 12.11 बजे तक शुभ लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त
सुबह 6.25 से 7.42 बजे तक शुभ
सुबह 10.45 से 12.10 बजे तक चंचल
दोपहर 12.10 से 1.37 बजे तक लाभ
शाम 4.30 से 5.57 बजे तक शुभ
शाम 7.30 से 9.05 बजे तक चंचल
रात 12.11 से 1.45 तक लाभ