इंदौर में नर्मदा को आए 50 वर्ष बीत गए हैं। तीसरी मंजिल पर चढऩे वाला पानी 3 से 13 फिट गड्ढे में मिल रहा है। 24 घंटे 7 दिन की जगह एक दिन छोड़कर पानी मिल रहा है। पूरा बिल लेकर आधे महीने पानी दिया जा रहा है। नलों में गंदा पानी आता है। 94 प्रतिशत दूषित पानी पीने को लोग मजबूर हैं। इससे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है। निगम की जलप्रदाय व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर कोडवानी ने आवाज उठाई और मामले को न्यायालय तक ले गए। साथ ही न्यायालयीन आदेशों व नियमों का पालन कराने व शहर की जलप्रदाय व्यवस्था सुधारने को लेकर सिलावट से चर्चा की। शहरवासियों की समस्या से अवगत कराया। बावजूद इसके मंत्री सिलावट ने कोई कार्रवाई नहीं की और 100 दिन से बैठक की तारीख पर तारीख देते रहे। इस पर कोडवानी सुबह १० बजे मंत्री सिलावट के जानकी नगर स्थित घर पहुंचे और गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। इसकी सूचना मिलते ही धरना स्थल पर जिला प्रशासन की तरफ से एडीएम पवन जैन और मंत्री प्रतिनिधि अशोक गोयल पहुंचे, जिन्होंने कोडवानी से बातचीत शुरू कर दी है।
रेसीडेंसी पर बुलाई बैठक
इधर, बताया जा रहा है कि कोडवानी के धरने पर बैठने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह व निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने शहर की जलप्रदाय व्यवस्था को लेकर बैठक रेसीडेंसी कोठी पर बुलाई है, जो दोपहर में शुरू होगी।